Kharmas 2021 : 16 दिसंबर से शुरू होगा खरमास, एक माह नहीं होंगे कोई भी शुभ कार्य

kharmas 2021 : No auspicious work for a month

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Kharmas 2021 : 15 दिसंबर की रात को सूर्य बदलेगा राशि 16 दिसंबर से शुरू होगा खरमास

15 दिसंबर की रात तकरीबन 3:58 पर सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेगा। रात में धनु संक्रांति होने के कारण 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाएगा। जो कि 14 जनवरी 2022 तक रहेगा। 16 दिसम्बर से खरमास आरंभ होने वाला है। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। खरमास को अशुभ माना जाता है।

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि जब सूर्य गोचरवश धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे क्रमश: धनु संक्रांति एवं मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग एक माह तक रहते हैं। सूर्य के धनु राशि एवं मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही खरमास अथवा मलमास कहा जाता है।

No Auspicious Work in Kharmas : वैवाहिक कार्य और शुभ कार्य बंद

मलमास में वैवाहिक कार्य और शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। गृह प्रवेश नींव पूजन, नवीन व्यापार, विवाह, सगाई सहित सभी शुभ कार्य खरमास में वर्जित माने गए हैं। मलमास में ईश्वर की आराधना एवं पूजन,अर्चन, भागवत कथाएं, रामायण कथा, रामायण का पाठ, मंत्र जाप धार्मिक कृत्य किए जा सकते हैं।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक धनु और मीन राशि के स्वामी बृहस्पति होते हैं। इनमे ग्रह राज सूर्य के आते ही खरमास दोष लगता है। इसलिए किसी भी तरह के शुभ काम इस दौरान नहीं किए जाते हैं।

Kharmas Start Time and Date : 16 दिसंबर को सुबह सूर्योदय के साथ ही शुरू

ज्योतिषाचार्य डा.अनीष व्यास ने बताया कि खरमास इस बार गुरुवार 16 दिसंबर को सुबह सूर्योदय के साथ ही शुरू हो जाएगा। इसलिए 16 दिसंबर से 14 जनवरी 2022 तक धनु संक्रान्ति जनित खरमास दोष रहेगा। इस एक महीने के समय में भगवान की आराधना करने का विशेष महत्व है।

धर्मग्रंथों के मुताबिक, इस मास में सुबह सूर्योदय से पहले उठकर उगते सूरज को जल चढ़ाएं और भगवान का स्मरण करना चाहिए। इससे भगवान की कृपा बनी रहती है।

Kharmas End Date : मकर संक्रांति पर खत्म होगा खरमास

भविष्यवक्ता डा.अनीष व्यास ने बताया कि सूर्य एक माह बाद मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस खास दिन को मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है। मकर संक्रांति देवताओं की मध्य रात्रि होती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके दान किया जाता है। इस दिन से उत्तरायण प्रारंभ होता है। विवाह समेत समस्त शुभ कार्य इस दिन से प्रारंभ हो जाते हैं।

Kharmas : खरमास में करे सेवा

कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि सूर्योदय से पहले स्नान, संध्या करके भगवान का स्मरण करें। खरमास में सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए। यह महाधर्म, दान, जप, तप का महीना माना जाता है। इसमें अनेक गुणों के साथ लाभ प्राप्त होता है। कर्ता को करने का कई गुना फल प्राप्त होता है। खरमास में ब्राह्मण, गुरु, गाय एवं साधु-सन्यांसियों की सेवा करनी चाहिए।

Importance of Kharmas : खरमास महीने में दान का महत्व

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि खरमास महीने में सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करना चाहिए। इस मास में उगते हुए सूरज को जल चढ़ाना चाहिए। सूर्यदेव की उपासना करनी चाहिए।

ऐसा भी माना गया है कि खरमास में दान करने से पुण्य मिलता है। इसलिए इस महीने जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना चाहिए। इस महीने में लोगों को आवश्यकता के मुताबिक जरूरी चीजें भी बांटी जा सकती है। अगहन महीने में अन्न के साथ ही वस्त्र दान भी किया जा सकता है।

खरमास में गौ पूजन और गायों की सेवा करने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मिलता है। इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और भविष्य में हर तरह की सफलता मिलती है।जब सूर्य धनु राशि में रहता है तब ऊनी कपड़ों का दान करने का विधान है। सूर्य के धनु राशि में रहते वक्त हेमंत और शिशिर ऋतु होती है।

इस समय गर्म कपड़ों के साथ ही अन्न, जूते-चप्पल, गुड़, तिल और बाजरे का दान करने की परंपरा है। इस महीने अपनी कमाई से कुछ अंश जरूर दान करना चाहिए। गौ, भूमि, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक या शहद का दान करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।

Kharmas : खरमास में करें मंत्रों का जाप

भविष्यवक्ता डा.अनीष व्यास ने बताया कि धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि खरमास के दौरान भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और सूर्य देव के मंत्रों का जाप करने का भी विधान है।

इस महीने भगवान विष्णु के लिए ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। ऊँ क्लीं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप श्रीकृष्ण के लिए करना चाहिए। इन दोनों मंत्रों के लिए तुलसी या कमलगट्टे की माला का इस्तेमाल करना चाहिए। भगवान सूर्य के लिए उगते हुए सूरज को प्रणाम करने हुए ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र जाप करना चाहिए।

Kharmas Puja : भगवान विष्णु और सूर्य पूजा की पूजा से लाभ

कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि इस महीने में तीर्थ स्नान, दान के साथ घरों और मंदिरों में भगवान की कथा करवाने का विधान है। खरमास के दौरान भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है।

पुराणों में बताया गया है कि खरमास के दौरान गौदान और ब्राह्मण भोजन करवाने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। खरमास में सूर्य पूजा करने की भी परंपरा है। इस महीने में जब सूर्य धनु राशि में रहता है तब सूर्य को अर्घ्य देने और प्रणाम करने से बीमारियां दूर होती हैं और उम्र भी बढ़ती है। खरमास में भगवान श्रीकृष्ण का भी अभिषेक किया जाता है।

No Auspicious Work in Kharmas : खरमास में नहीं होते मांगलिक कार्य

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा.अनीष व्यास ने बताया कि दरअसल, बृहस्पति मांगलिक कार्यों के कारक ग्रह हैं। सूर्य और देव गुरु बृहस्पति एक-दूसरे के शत्रु ग्रह माने गए हैं। जब कभी ये दोनों ग्रह एक-दूसरे के मार्ग में आते हैं तो एक-दूसरे को ढंकने का प्रयास करते हैं।

विद्वानों का मत है कि गुरु के प्रभाव में आने मात्र से सूर्य मलीन हो जाते हैं और 16 दिसंबर को वे गुरु के स्वामित्व वाली धनु राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में इस अवधि के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जा सकेंगे।

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(विश्वविख्यात भविष्यवक्ता एवं कुण्डली विश्ल़ेषक पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर (राजस्थान) Ph.- 9460872809) 

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