जयपुर के ढंड डायबिटीज एसोसिएशन के मेडिकल कैंप में बना वर्ल्ड रिकॉर्ड

जयपुर। ऐसे लोग जो अब तक अपने अंदर पल रही डायबिटीज की शिकायत से अंजान थे, शहर के ढंड डायबिटीज एसोसिएशन (Dhand Diabetes Association) के अनोखे मेडिकल कैंप में ऐसे कई लोगों को पहली बार इस बीमारी का पता चला। रविवार को ऑस्ट्रेलिया, यूएसए, दुबई समेत देश-विदेश के 160 से अधिक स्थानों पर आयोजित हुए इस कैंप में आठ हजार से अधिक लोगों की शुगर लेवर, ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन लेवल की जांच की गई। एसोसिएशन के इस मेगा मेडिकल कैंप को गोल्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कर लिया गया है।

कोरोना महामारी की गाइडलाइंस का रखा गया विशेष ख्याल

मेडिकल कैंप के संयोजक डॉ. सुनील ढंड ने बताया कि कोरोना संक्रमण में ऐसे मरीजों के लिए स्थिति जानलेवा हो सकती है जिन्हें पहले से डायबिटीज, बीपी जैसी बीमारियां हों या उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा हो। ऑक्सीजन लेवल कब गंभीर स्थिति तक गिर जाता है इसका पता व्यक्ति को नहीं लग पाता। ऐसे में अपना पल्स ऑक्सीमीटर से अपना ऑक्सीजन लेवल समय-समय पर मालूम करते रहना चाहिए। इसी उद्देश्य से हमने ढंड डायबिटीज एसोसिएशन की ओर से यह कैंप आयोजित किया गया।

मेडिकल कैंप के कॉर्डिनेटर अंकित खंडेलवाल ने बताया कि कोरोना महामारी के समय एक जगह अधिक लोगों की मौजूदगी से सरकार के दिशा-निर्देशों की अवहेलना होती। इसीलिए हमने 160 से अधिक रोशनी मित्रों (वॉलिंटियर्स) के इस अभियान से जोड़ा। उन्हें कैंप से जुड़ी ट्रेनिंग दी गई और ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन लेवल जांचने के लिए किट प्रदान की गई। सभी वॉलिंटियर्स ने अपनी-अपनी जगहों पर अपने परिवारों व आस-पास के लोगों की ब्लड शुग, बीपी व ऑक्सीजन लेवल की जांच की। कैंप के सारे डाटा की गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने गहनता से जांच की और इस श्रेणी में सबसे बड़े डायबिटीज कैंप का रिकॉर्ड प्रदान किया गया।

डिस्ट्रिक्ट गवर्नर लॉयन आलोक अग्रवाल और लॉयन डॉक्टर ए. के भार्गव ने बताया कि मेडिकल कैंप के साथ शाम 5ः00 बजे ऑनलाइन डॉक्टर पैनल डिस्कशन भी आयोजित किया गया जिसमें डॉक्टर सुनील ढंड, डॉक्टर जितेंद्र मक्कड़ और डॉक्टर आर के सुरेखा लोगों को डायबिटीज और उससे जुड़े कॉम्प्लिकेशंस के बारे में जानकारी देंगे।

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