राजस्थान : वरदान साबित हुई मनरेगा और राजीविका जैसी योजनाएं-मुख्यमंत्री

जयपुर(Rajasthan)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि कोविड-19 (Covid-19) महामारी के कारण शहरों के साथ-साथ गांवों में भी रोजगार(Jobs) का बड़ा संकट पैदा हुआ है। ऎसे में ग्रामीण अर्थव्यवस्था (rural economy)को मजबूत करने के लिए ग्राम विकास से जुड़ी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय शुरू हुई महात्मा गांधी नरेगा योजना (NREGA) एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी योजनाएं कोरोना संक्रमण के इस चुनौतीपूर्ण समय में वरदान साबित हुई हैं। अधिक से अधिक लोगों को इनसे जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराएं।

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श्री गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा कर रहे थे। कॉन्फ्रेंस से सभी 33 जिलों के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी भी जुड़े। मुख्यमंत्री ने जिला परिषद सीईओ एवं एसीईओ सहित अन्य अधिकारियों के साथ ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं के संबंध में सीधा संवाद किया।

स्वयं सहायता समूहाें के उत्पादों की हो बेहतर मार्केटिंग

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गांव-गांव में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की अच्छी भूमिका रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि इन समूहों को प्रोत्साहन देने के साथ ही इस योजना में और अधिक स्वयं सहायता समूहों के गठन को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही इन्हें मजबूत बनाने के लिए इनके उत्पादों की बेहतर ढंग से मार्केटिंग की जाए। कोविड के इस दौर में इन्हें ई-बाजार जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी जोड़ा जा सकता है।

हर हाल में 45 दिन में जारी हों विधायक कोष के कार्यों की स्वीकृतियां

श्री गहलोत ने कहा कि विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम तथा सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत होने वाले विकास कार्यों में देरी की शिकायत मिलती है। इसे दूर करने के लिए इनकी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां हर हाल में 45 दिन के निर्धारित समय में जारी की जाएं। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया जाए। साथ ही इनकी नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए।

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पंचायत सहायकों को जल्द मिलेगा मानदेय

100 करोड़ की स्वीकृति तत्काल जारी करने के निर्देश

बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष करीब 26 हजार पंचायत सहायकों को मानदेय नहीं मिलने का मामला सामने लाया गया तो उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य को तत्काल प्रभाव से 100 करोड़ रूपए की स्वीकृति जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पंचायत सहायकों को जल्द से जल्द मानदेय का भुगतान किया जाए।

नई पंचायतों और पंचायत समितियों के लिए

ग्राम विकास अधिकारी और बीडीओ के पद जल्द सृजित करें

मुख्यमंत्री ने राज्य में नवगठित 1456 नई ग्राम पंचायतों तथा 57 नई पंचायत समितियों के लिए ग्राम विकास अधिकारी एवं ब्लॉक डवलपमेंट ऑफिसर के नए पद जल्द सृजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने संवाद के दौरान कोरोना के संक्रमण के कारण आवश्यकतानुसार विद्युत शवदाह गृह के निर्माण की स्वीकृति शीघ्र जारी करने के निर्देश भी दिए।

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श्री गहलोत ने बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, राष्ट्रीय रूर्बन मिशन योजना, सीमान्त क्षेत्रीय विकास योजना, महात्मा गांधी जनभागीदारी विकास योजना, डांग, मगरा एवं मेवात विकास योजना सहित ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज से जुड़ी अन्य योजनाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस दौर में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की बड़ी भूमिका है। वह इन योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन कर लोगों को राहत प्रदान करे।

मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि प्रदेश की ज्यादातर जनसंख्या गांव में निवास करती है। उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाए। साथ ही राजस्थान महामारी अध्यादेश के तहत आमजन को जागरूक कर हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित करवाएं, ताकि गांवों में संक्रमण नहीं फैले।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज राजेश्वर सिंह ने विभागीय योजनाओं का प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि मनरेगा योजना के तहत प्रदेश में एक दिन में अधिकतम नियोजित श्रमिकों की संख्या 53.45 लाख है, जो गत वर्षों से 20 लाख अधिक है। इस वर्ष करीब 6 लाख नए जॉब कार्ड जारी किए गए हैं।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन पीसी किशन, आजीविका मिशन की निदेशक शुचि त्यागी तथा सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे

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