राजस्थान : नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्‍द कटारिया पंचायतीराज के चुनाव परिणामों पर मुख्यमंत्री को करारा जवाब

जयपुर। राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री (CM) अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के द्वारा पंचायतीराज के चुनाव परिणामों पर दिये गये व्‍क्‍तव्‍य पर राजस्‍थान विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष (Gulab Chand Kataria) गुलाबचन्‍द कटारिया ने पलटवार करते हुये बताया कि राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने अभी सम्‍पन्‍न हुये 21 जिलो के पंचायत चुनावो को लेकर जो व्‍क्‍तव्‍य दिया है वह वास्‍तव में अपनी हार के गम को भुलाने का एक असत्‍य वाचन हैं। इतनी बुरी हार होने के बाद भी उसे स्‍वीकार करना तो दूर रहा बल्कि उसे कुछ आंकडो के आधार पर अपनी और अपनी पार्टी की विजय का बखान कर राजस्‍थान की जनता के बीच अपनी हार के अंर्तगम को प्रदर्शित करने का एक प्रयास मात्र हैं।

श्री कटारिया ने कहा कि मैं भी लम्‍बे समय से राजनीति मे काम करता हूं और आप भी लम्‍बे समय से राजनैतिक पार्टी मे काम करते है, अगर आप इसकी सच्‍चाई का बखान करते तो ज्‍यादा प्रसन्‍ता होती लेकिन आपने अपनी हार को जिस प्रकार जीत का आवरण देने का प्रयास किया उससे आपकी राजनैतिक सोच पर प्रश्‍नवाचक चिन्‍ह लग गया हैं, क्‍या यह सच नहीं है कि जब से पंचायतीराज का गठन हुआ है तब से लेकर अब तक कांग्रेस पार्टी का एकतरफा वर्चस्‍व रहा हैं। जब कभी सरकारे बदली हैं तब सत्‍तारूढ पार्टी को पंचायतीराज में कुछ सफलता मिली हैं। 2005 में सरकार भारतीय जनता पार्टी की थी। 32 जिला परिषदो के चुनावो मे सरकार में होते हुये भी मात्र 13 सीटे जीतकर जिला प्रमुख पहली बार हम बना पाये। 2010 में कांग्रेस की सरकार आई कांग्रेस पार्टी ने 33 जिलो मे से 24 जिलो मे जिला प्रमुख बनाने मे सफलता प्राप्‍त की। 2015 में फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई भाजपा ने 33 जिलो मे से 21 जिलो मे जिला प्रमुख बनाने मे सफलता प्राप्‍त की। 2020 मे कांग्रेस और आपकी सरकार होते हुये भी 21 जिलो मे से मात्र 5 जिला प्रमुख कांग्रेस के बनना तथा इसी तरह से पंचायत समितियो मे भी भारतीय जनता पार्टी ने 100 प्रधान बनाये और आपके तथा कांग्रेस के 93 प्रधान बन पाये, इसे कांग्रेस और आपकी हार कहे या जीत ?

श्री कटारिया ने कहा है कि आपके व्‍क्‍तव्‍य से ऐसा लगता है कि 21 में से 5 जिलो मे जिला प्रमुख बनाने के बाद भी मन व व्‍क्‍तव्‍य से आप हार स्‍वीकार करना नहीं चाहते, यह एक तरह से लोकतंत्र का अपमान हैं। आपने 2019 के लोकसभा के चुनाव के वोट प्रतिशत को भारतीय जनता पार्टी के पंचायतीराज के चुनाव से तुलना कर अच्‍छे गणितज्ञ होने का तो अपने आपको सिद्ध साबित किया लेकिन यही तुलना 2018 की विधान सभा के आंकडो से करते तो शायद वो आपको बेनकाब कर देते।

श्री कटारिया ने कहा कि सरकार बनने के 2 साल बाद भी जिस बुरी तरह से जनता ने आपको व कांग्रेस पार्टी को नकारा है उसे स्‍वीकार करना तो कही दूर की बात हैं और ऐसे व्‍क्‍तव्‍य से जनता को गुमराह करने का प्रयत्‍न क्‍यो किया, अच्‍छा होता हार को स्‍वीकार करते। अपनी पार्टी मे उसका मूल्‍यांकन करते और जनता के जनादेश का सम्‍मान करते हुये अपनी पार्टी को आगे की रणनीति के लिये तेयार करते तो आपका व्‍क्‍तव्‍य ज्‍यादा अच्‍छा लगता। आपके व्‍क्‍तव्‍य से तो कांग्रेस को सच्‍चाई से दूर करने का ही प्रयत्‍न माना जा सकता है।

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