राजस्थान: भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी की घर वापसी

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता (BJP leader) रहे घनश्याम तिवाड़ी (Ghanshyam Tiwari) की घर वापसी हो गई। भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने उन्हे पार्टी की सदस्यता दिलाई।

प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए डाॅ. पूनियां ने कहा कि पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर घनश्याम तिवाड़ी की भाजपा में वापसी हुई है। तिवाड़ी विचार, परिवार एवं संगठन के वरिष्ठ, अनुभवी एवं पुराने सदस्य हैं, वे अपने घर भाजपा में आ गए हैं, हम उनका स्वागत करते हैं। हम सब मिलकर प्रदेशभर में पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करेंगे।

डाॅ. पूनियां ने मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट, अराजक एवं अकर्मण्य सरकार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 4.5 करोड़ मतदाताओं में से 21 जिलों में हुए पंचायतीराज चुनाव में 2.41 करोड़ मतदाताओं के समक्ष कांग्रेस सरकार और भाजपा की अग्निपरीक्षा थी, जिसमें गांव के किसानों, युवाओं एवं महिलाओं ने मोदी सरकार की नीतियों को समर्थन देते हुए भाजपा को शानदार जीत का आशीर्वाद दिया। यह राजनीतिक इतिहास का पहला अवसर है कि जब किसी विपक्षी दल को पंचायतीराज चुनाव में इतनी बड़ी जीत मिली है।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत पंचायतीराज चुनाव के जनादेश का अपमान कर रहे हैं, आंकड़ों में बाजीगरी करते हैं, जबकि विधानसभा चुनाव में 0.5 प्रतिशत वोटों से कांग्रेस सत्ता में आई थी, तो ऐसे में आपके पास जनादेश कहां है, आपको कुर्सी छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से प्रदेश की जनता ने कांग्रेस एवं गहलोत सरकार की जनविरोधि नीतियों को नकार दिया है, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत के बयानों एवं ट्वीट से यह लगता है कि वे पार्टी ट्विटर पर चलाते हैं या पार्ट टाइम पाॅलिटिक्स करते हैं।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी, रोजगार देने सहित विभिन्न वादे कर कांग्रेस राज्य की सत्ता में आई थी, लेकिन सरकार के दो साल पूरे होने के बाद भी कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के झगड़े को संभालने में विफल मुख्यमंत्री गहलोत भाजपा पर सरकार गिराने का आरोप लगाते है, झगड़ा कांग्रेस के घर का है, विग्रह है, गहलोत सरकार अगर गिरेगी तो हमने ठेका थोडी ले रखा है सरकार बचाने का। कांग्रेस के ऐसे हालात देखकर मुझे लगता है कि गहलोत पर एक फिल्म बन सकती है, ”गहलोत जी तुमसे नहीं हो पायेगा, सरकार नहीं चल पायेगी।”

डाॅ. पूनियां ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार के तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं, अशोक गहलोत सोनिया गांधी को खुश करने के लिए कृषि बिलों का विरोध कर रहे हैं, यहां तो उनसे सरकार चल नहीं पा रही है, ऐसे में वे दिल्ली में जाकर नेता प्रतिपक्ष बनने का जुगाड़ करने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों से किसानों की तरक्की के रास्ते खुलेंगे, भाजपा कृषि कानूनों को लेकर देशभर में किसानों से संवाद कर जनजागरूकता अभियान चला रही है।

घनश्याम तिवाड़ी ने प्रेसवार्ता में कहा कि मैं जिन मुद्दों को लेकर पार्टी से बाहर चला गया था, अब वह मुद्दे खत्म हो चुके हैं। अब एक तरह से स्लेट बिल्कुल साफ है, इस पर हम सब मिलकर नई इबारत लिखेंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैंने कभी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण नहीं की और ना ही उनके किसी कार्यक्रम में गया, केवल एक बार उनका मंच शेयर किया था, उस दौरान भी मैंने संघ के प्रति निष्ठा जाहिर की थी। मैं जन्मजात भाजपा का कार्यकर्ता रहा हूँ और संघ पृष्ठभूमि से हूँ।

तिवाड़ी ने कहा कि पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व एवं प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का धन्यवाद ज्ञापित करता हूं जिन्होंने मेरे खेद प्रकट करने के बाद मुझे पार्टी में शामिल करने का निर्णय लिया। उन्होंने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी ने चाहे वह धारा 370 और 35ए हटाने का मामला हो, भगवान श्रीराम के अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण एवं ट्रिपल तलाक कानून जैसे कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिनके लिए मैं सतत भाजपा में रहते हुए प्रयास करता रहा हूँ, जिन्हें नरेन्द्र मोदी ने पूरा कर भारत का दुनियाभर में सम्मान बढ़ाया है।

भाजपा में शामिल होने के बाद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि मैने कभी भी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण ही नही की और हमेशा भाजपा ही मन में रही है। पहले से ही आरएएस से जुड़ा रहा हूं।

उन्होने कहा कि पार्टी के लिए काम करना चाहते है और अभी चुनाव लड़ने का भी इरादा नही है।2019 में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन करने वाले तिवाड़ी वसुंधरा राजे के घोर विरोधी रहे हैं। राजे के विरोध के चलते ही उन्होंने न केवल भाजपा का दामन छोड़ा, बल्कि अपनी नई पार्टी भारतवाहिनी बनाई थी। इसी पार्टी से उन्होंने साल 2018 में सांगानेर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था।

दिग्गज नेता घनश्याम तिवाड़ी ने भारतीय जनता पार्टी में कई अहम पदों पर काम किया है। राजस्थान की 7वीं, 8वीं, 10वीं, 12वीं, 13वीं, 14वीं विधानसभा के सदस्य रहे। तिवाड़ी 1980 में पहली बार सीकर से विधायक बने। इसके बाद 1985 से 1989 तक पुनरू विधानसभा क्षेत्र सीकर से विधायक रहे। 1993 से 1998 तक विधानसभा क्षेत्र चैामूं से विधायक बने।

वह जुलाई 1998 से नवम्बर 1998 तक भैरोंसिंह शेखावत सरकार में ऊर्जा मंत्री भी रह चुके हैं। दिसम्बर, 2003 से 2007 तक वसुंधरा राजे सरकार में प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, विधि एवं न्याय, संसदीय मामले, भाषाई अल्पसंख्यक, पुस्तकालय एवं भाषा मंत्री रहे। दिसम्बर 2007 से वर्ष 2008 तक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और विधि एवं न्याय मंत्री के पद पर रहे।

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