देश में प्रति 10,000 लोगों के लिए सिर्फ 15 नर्स

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आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने किया मैनेजमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने का आग्रह

जयपुर। कोविड-19 (Covid-19) ने हेल्थकेयर (Health Sector) क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हलचल पैदा कर दी है। कोविड-19 की दूसरी लहर ने हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर न केवल जबरदस्त दबाव बनाया है, बल्कि इसने पहले से ही काम कर रहे कर्मचारियों को भी तनाव में ला दिया है।

डब्ल्यूएचओ (WHO Report) की रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में प्रति 10,000 लोगों के लिए 37.6 स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं और देश में रोगी और नर्स का अनुपात 1ः483 है, जिसका अर्थ है 22 मिलियन नर्सों की कमी।

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी (IIHMR University) ने आज इंटरनेशनल नर्सेज डे (nternational Nurses Day ) के अवसर पर अपने विजन को साझा किया और थीम ‘नर्सेज – “द वॉयस टू लीड ए विजन फॉर द फ्यूचर हेल्थकेयर 2021” को एक बार फिर याद किया।

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी (IIHMR University, Jaipur) के प्रेसीडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नर्सों की भारी मांग है। भारत में 5085 संस्थान हैं जो हर साल 3,35,000 प्रोफेशनल नर्सों को तैयार करते हैं। देश में कुल 3.2 मिलियन नर्स हैं और 10,000 लोगों पर सिर्फ 15 नर्सें हैं।

इस लिहाज से हमें लगता है कि देश में नर्सिंग स्टाफ की बहुत कमी है। देखा जाए तो इस बार की थीम ‘नर्सेज – “द वॉयस टू लीड ए विजन फॉर द फ्यूचर हेल्थकेयर 2021” एकदम सटीक है, क्योंकि यह नर्सिंग स्टाफ ही है, जो जमीनी स्तर पर काम करता है और जिसे हेल्थकेयर सिस्टम की हकीकत की पूरी जानकारी है। आज यूएई, यूके, यूएसए, आयरलैंड और यहां तक कि जर्मनी जैसे देशों में भारतीय नर्सों की जबरदस्त मांग है।’’

डॉ. सोडानी ने आगे कहा, ‘‘केरल में ओवरसीज डेवलपमेंट एंड एम्प्लॉयमेंट प्रमोशन कंसल्टेंट्स (ओडीईपीसी) हर महीने लगभग 40 नर्सों को विदेश में भेज रहा था और फरवरी 2020 में महामारी के प्रकोप के ठीक बाद यह संख्या बढ़कर छह गुना हो गई।

नर्सिंग (Nursing) कार्यबल की आवश्यकता में वृद्धि के साथ, भारत को नर्सिंग पाठ्यक्रम में कुछ बदलावों को लागू करना चाहिए। इसके अलावा, प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि नर्सों को भी जमीनी स्तर पर जोखिमों को कम करने और उन्हें मैनेज करने में सक्षम होना चाहिए।’’

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी (IIHMR University, Rajasthan) इस विषय से गहराई से जुड़ा रहा है और इसने समाज में नर्सों के उत्थान के लिए कई प्रबंधन विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं। उनमें से एक हालिया प्रशिक्षण कार्यक्रम था जो मध्य प्रदेश सरकार के लिए लगभग 100 प्रशासनिक नर्सिंग कैडर को प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित किया गया था।

इस प्रशिक्षण का प्राथमिक उद्देश्य नर्सिंग प्रबंधकों और प्रशासकों के प्रबंधन संबंधी और प्रशासनिक कौशल को और बढ़ाना था। इसके अलावा, प्रशिक्षण के दौरान इस क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी और सामाजिक कौशल को भी साझा किया गया।

डॉ. सोडानी ने आगे कहा, ‘‘आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी अस्पतालों से आग्रह करता है कि वे अपने नर्सिंग स्टाफ सहित अस्पताल के अन्य कर्मचारियों के लिए प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रमों को शामिल करें और इस तरह अस्पताल के कर्मचारी प्रशासनिक क्षमताओं में भी योगदान दे सकते हैं। अस्पताल

में काम करने वाले जमीनी स्तर के प्रत्येक कर्मचारी को एक उचित प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से पूरे परिसर को संचालित करने के बारे में प्रबंधन पहलुओं के संबंध में पूरी जानकारी होनी ही चाहिए।’’

एक तरफ पूरा देश कोविड-19 (Health Care) के खिलाफ अपनी लड़ाई के साथ आगे बढ़ रहा है, दूसरी तरफ हेल्थकेयर कार्यकर्ता भी इस महामारी का मुकाबला करने और इसके प्रसार को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि देश नर्सिंग स्टाफ और विशेषज्ञों की स्थायी शक्ति की कमी से भी जूझ रहा है।

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