राजस्थान में जल्द शुरू होंगे मंगला पशु बीमा योजना के रजिस्ट्रेशन

Mangala Pashu Bima Yojana Registration will start soon in Rajasthan

Mangala Pashu Bima Yojana Registration will start soon in Rajasthan

-पशुपालन मंत्री ने योजना की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश

जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के लिए जल्द ही रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने बजट 2025-26 में घोषणा की थी। इस योजना के तहत पशुपालक परिवारों के 21 लाख गाय, भैंस, भेड़, बकरी और ऊंट का रिस्क कवर किया जाएगा।

इस बार पशुओं के हेल्थ सर्टिफिकेट के साथ ही बीमा पॉलिसी जारी करने को लेकर योजना का क्रियान्वयन करने वाले राज्य बीमा और प्रावधायी निधि विभाग को निर्देशित किया गया है। योजना की समीक्षा बैठक शासन सचिवालय में पशुपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत की अध्यक्षता में हुई।

केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की इस महात्वाकांक्षी योजना का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जाए।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन पशुओं का हेल्थ सर्टिफिकेट जारी होता है उसके साथ ही उसकी बीमा पॉलिसी भी जारी हो।

उन्होंने बीमा पॉलिसी जारी करने की धीमी गति पर नाराजगी जाहिर करते हुए सर्वेयर की संख्या में बढोतरी के लिए कहा। बैठक में बजट घोषणा-2025-26 के मुताबिक इस बार 42 लाख पशुओं का बीमा कवर करने के संबंध में चर्चा हुई। इसके लिए वित विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

Mangala Pashu Bima Yojana Registration will start soon in Rajasthan

पशुपालन मंत्री श्री कुमावत ने बताया कि वर्ष-2024-25 में कुल 16 लाख 72 हजार ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से पशुपालन विभाग ने 9 लाख 76 हजार पशुओं के हेल्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिए हैं। इनमें से 4 लाख 40 हजार राज्य बीमा और प्रावधायी निधि विभाग (एसआईपीएफ) की ओर से बीमा पॉलिसी जारी कर दी गई है। शेष बीमा पॉलिसी व हेल्थ सर्टिफिकेट जारी करने के कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए अधिकारियों को पाबंद किया गया है।

इसके साथ ही बजट 2025-26 की घोषणा के तहत नए रजिस्ट्रेशन के लिए इसी महीने ऑनलाइन आवेदन शुरू करने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि इस बार इस कार्य को निर्धारित अवधि में पूरा करने के उदेश्य से बीमा कंपनी को सर्वेयर की संख्या बढाने के लिए कहा गया है।

आपको बता दें इस योजना के तहत पशुओं की आकस्मिक मृत्यु पर पशुपालक परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके तहत प्रदेश के जनआधार धारक पशुपालक पात्र होंगे। बीमा के लिए गोपालक क्रेडिट कार्ड धारक और लखपति दीदी पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए क्रमशः 16% और 12% का आरक्षण है। पंजीकरण के समय पशु की टैगिंग अनिवार्य है। चयनित पशुपालकों के दुधारू पशु (गाय, भैंस) या बकरी, भेड़ व ऊंट का निःशुल्क बीमा किया जाएगा। लेकिन यह बीमा केवल उन्ही पशुओं का होगा जो अन्य किसी योजना में बीमित नहीं हैं। यह बीमा एक वर्ष के लिए होगा और पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा।

बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल,उम्र और उत्पादन क्षमता के आधार पर किया जाएगा,लेकिन अधिकतम राशि 40,000 रुपए से अधिक नहीं होगी।

इसमें पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ.समित शर्मा,निदेशक डॉ.आनंद सेजरा,वित सचिव नवीन जैन,राज्य बीमा और प्रावधायी निधि विभाग के अधिकारी शामिल हुए।

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