पत्रकार दिलीप सोनी पर पुलिस की कार्रवाई का मामला गरमाया, जिले से लेकर राजधानी तक हुई एक तरफा कार्रवाई की निंदा, पत्रकार संगठनों ने जताया रोष

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जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) के जैसलमेर जिले (Jaisalmer) के नाचना (Nachna) में भूमि सीमांकन के बाद अपने हक की जमीन पर काम करने के बदले स्थानीय पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सोनी को उसके साथ खेत पर काम करने वाले काश्तकार को रात भर थाने में रखकर यातना देने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस के इस अमानवीय रवैये की नाचना से लेकर प्रदेश स्तर पर कड़े शब्दों में निंदा हो रही है।

भारतीय जनता पार्टी (BJP, Rajasthan) के प्रदेशाध्यक्ष डा.सतीश पूनियां व भारतीय जनता पार्टी से राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, सहित राजस्थान जर्नलिस्टर एसोसियेशन, राजस्थान जर्नलिस्ट यूनियन, प्रेस क्लब बीकानेर सहित दर्जनभर संगठनों ने पुलिस द्वारा वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सोनी के मामले में की गई एक तरफा कार्रवाही की कड़े शब्दों में निंदा की है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डा.सतीश पूनियां ने टविट् कर लिखा कि ‘‘ लोकतंत्र पर पूर्ण नियंत्रण कांग्रेस का हिडन एजेंडा हैयतानाशाही इनके खून में है। इधर मुख्यमंत्री जी से कानून व्यवस्था नहीं संभल रहीयउधर इस मुद्दे को उठाने वाले चतुर्थ स्तम्भ के रक्षक नाचना, जैसलमेर के पत्रकार दिलीप सोनी जी को पुलिस हिरासत में यातनाएं दिलवाई जा रही है। यह कैसा न्याय?”

भारतीय जनता पार्टी से राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने लिखा कि ‘‘ जैसलमेर के नाचना में पत्रकार दिलीप सोनी जी को जबरन हिरासत में लेकर एक अपराधी की भांति यातनाएं देने से सिद्ध होता है कि गहलोत सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को कुचलना चाहती है। पत्रकार के साथ इस तरह का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण व शर्मनाक है। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं।”

इसके साथ ही राजस्थान जर्नलिस्ट एसोसियेशन व राजस्थान जर्नलिस्ट यूनियन ने राज्य के गृह सचिव को ज्ञापन भेजकर इस पूरे मामले की जांच कराकर पत्रकार दिलीप सोनी को न्याय दिलाने की मांग की है।

राजनीति और सता का खेल

इस मामले में पुलिस पिछले दो दिनों से वरिष्ठ पत्रकार के मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। वरिष्ठ पत्रकार और पुलिस अधिकारियों की कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कब्जा करने वाले लोगों को अभी तक पुलिस बुला नही पा रही है। इससे साफ नजर आ रहा है कि इस पूरे मामले में कहीं तो राजनीति का रंग चढ़ा हुआ है, तभी सरकारी नुमाइंदे कुछ कर नही पा रहे है।

जिला पुलिस अधीक्षक को दिया ज्ञापन

जैसलमेर जिला के पुलिस अधीक्षक डा. अजय सिंह को पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौपंकर इस पूरे मामले की जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है। इसके साथ ही पिछले कई दिनों से लंबित प्रार्थना पत्र के आधार पर मुकदमा दर्ज कराने की भी मांग की है।

ये है पूरा मामला

जैसलमेर जिले के वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सोनी ने बताया कि तहसील क्षेत्र के चक 9 एडब्ल्यूडीए में 25 बीघा भूमि जोकि पिता स्व.प्रभू लाल सोनी के नाम से है। पिता का पिछले दिनों कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया था। खेत के पड़ोसी द्वारा जमीन पर कब्जा कर लिया है। जिसके चलते 20 जून 2021 को नाचना पुलिसथाना में एफआईआर दर्ज कराई गई।

पुलिस ने पत्रकार के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए तहसीलदार व पटवारी से जमीन का सीमांकन कराकर इसकी रिपोर्ट को लिखा। जिस पर तहसीलदार घनश्याम गर्ग, पटवारी देवकरण सिंह, नाथू लाल मीनणा व रामप्रताप सिंह की टीम ने जमीन का सीमांकन किया। इसके बाद अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें पड़ौसी द्वारा जमीन पर अतिक्रमण की जानकारी दी गई। इसके बावजूद भी पुलिस द्वारा जबरन धारा 151 में बंद रखकर पुलिस अधिकारी द्वारा यातनाओं का शिकार होना पड़ा।

जमीन पर काम करते पुलिस ने उठाया

इसके बाद पत्रकार व खेत पर काश्त करने वाले कंवरु राम मेघवाल शुक्रवार सांय काम कर रहे थे, तभी पड़ौसी किशन लाल माली, हरीश माली व लीला देवी ने आकर मारपीट की और जाति सूचक गालियां भी निकाली। इसके बाद पुलिस ने खेत से ही दोनों को उठाकर पुलिसथाना नाचना में बंद कर दिया। मौके से मोबाइल फोन भी पुलिस ने छीन लिया।

रिपोर्ट पर पुलिस ने नही की कार्रवाई

नाचना पुलिस (Nachna Police) की टीम ने पत्रकार दिलीप सोनी व काश्तकार कंवरु राम मेघवाल की और से खेत पड़ौसी पड़ौसी किशन लाल माली, हरीश माली व लीला देवी के द्वारा खेत में आकर मारपीट की और जाति सूचक गालियां भी निकाली, रिपोर्ट पर अभी तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नही की है।

पत्रकार दिलीप सोनी को पुलिस ने थाने में दी यातना, जमीन पर कब्जे के मामले में एक तरफा कार्रवाई, पत्रकार संगठनों ने जताया रोष

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