राजस्थान में सीमाज्ञान एवं मुकदमेबाजी में फसी वन भूमि से पर्यावरण को अपूरणीय क्षति

Discussion on Land Litigation and environmental loss in Rajasthan

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Rajasthan : जयपुर। राजस्थान में भारतीय वन-अधिनियम 1927, राजस्थान वन अधिनियम 1953 (Rajasthan Forest Act) होने के बावजूद सैकंडो एकड़ वन भूमि रेवेन्यू रिकॉर्ड, सीमाज्ञान एवं मुकदमेबाजी समेत विभिन्न कारणों से वानिकी उपयोग में नही ली जा रही है। जिसके कारण पर्यावरण (Environment) को अपूरणीय क्षति पहुँची है।

जिसका सीधा प्रभाव मानवजाति, पशु तथा जीव जंतु पर पड़ता है। ऐसी अपूरणीय क्षति कारित करने वाले कारणों और उनके समाधान के संभावित उपाय के लिए मैं भारत फाउंडेशन, वन विभाग और एनजेआरएस लॉ ऑफिसेज की ओर से खंडार रणथंभौर नेशनल पार्क (Ranthambore National Park ) में “लैंड्स लिटिगेशन एंड एनवायरनमेंट लॉस“ पैनल डिस्कशन में यह बात सामने आई।

कार्यक्रम में श्रुति शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के अनुभव साझा किए।

उन्होंने बताया कि एनजेआरएस लॉ ऑफिसेज के अतिक्रमण संबंधी प्रयास वन विभाग के लिए मददगार साबित होंगे। वन विभाग (Forest Department) के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को अपने विचार फाउंडेशन के साथ साझा करने चाहिए जिससे अच्छी नीति का निर्माण हो सके और वन एवं पर्यावरण का संरक्षण हो सके।

मैं भारत फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष रितेश शर्मा के अनुसार “लैंड्स लिटिगेशन एंड एनवायरनमेंट लॉस“ कार्यक्रम के तहत वन भूमि पर अतिक्रमण संबंधित मुकदमे बाजी के शीघ्र निस्तारण करने के लिए विभिन्न आयामों की पहचान की जा रही है जिसके आधार पर रिपोर्ट सरकार को सोपेंगे।

जिसके माध्यम से मुकदमे बाजी में उलझी वन भूमि को शीघ्र मुक्त होने से पर्यावरण को फायदा मिलेगा।

मुख्य वन संरक्षक एवम क्षेत्रीय निदेशक, टीसी वर्मा ने वन्य जीवों से संबंधित अपने विचार साझा किया तथा अतिक्रमण हटाने के लिए इस तरह की पहल को उपयोगी बताया। उप वन संरक्षक एवम उप क्षेत्रीय निदेशक प्रथम, महेंद्र कुमार शर्मा ने उपस्थित गणमान्य का धन्यवाद किया तथा उक्त शुरुआत को मूर्त रूप देने का आग्रह किया जिससे वन सुरक्षित रहे।

क्षेत्रीय वन अधिकारी बाघ परियोजना खंडार, विष्णु कुमार गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान श्रुति शर्मा द्वारा वन भूमि भविष्य की धरोहर उद्देश्य हेतु जनजागरण के लिए ग्रीन मैन नरपत सिंह के द्वारा की जा रही साइकिल राइड को फ्लैग ऑफ करके रवाना किया गया है जो विबिन्न रेंजों से होते हुए फारेस्ट लाइज़िंग ग्रुप के लिए रेंजर्स को अवगत कराएंगे।

कार्यक्रम में एनजेआरएस लीगल डेस्क की ओर से अधिवक्ता खुशबू शर्मा, पुष्पेंद्र कुमार सैनी तथा कल्याणी शर्मा उपस्थित रहे।

इस दौरान वन विभाग की जमीनों पर होने वाले कब्जे और मुकदमे बाजी के कारण उलझी हुई जमीनों के कारण विशिष्ट एवम प्रभावी कार्यवाही को लेकर चर्चा की गई।

चर्चा के दौरान सीसीएफ टी आर वर्मा, डीएफओ महेंद्र कुमार शर्मा, एंजेआर लॉ ऑफिसेज के नीलाम्बर झा एवम रितेश शर्मा व प्रशासनिक अधिकारी शिप्रा शर्मा ने अपने विचार व्यक्त किये। मंच संचालन ऐ सी एफ अरविंद झा द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत पौधरोपण करने के पश्चात मैं भारत फाउंडेशन के माध्यम से फारेस्ट लाइजनिंग ग्रुप की शुरुआत की गई। इसकी शुरुआत रेंज स्तर पर खंडार से की गई जो जल्द ही राजस्थान के सभी रेंजों में चालू किया जाएगा।

समारोह की मुख्य अतिथि प्रिंसिपल, चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट राजस्थान जयपुर श्रुति शर्मा रही।

 

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