जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में ठाकुर जी के पहनावे और भोग राग में बदलाव

Changes in Thakur ji's attire and Bhog raga in other temples including Govinddevji temple of Jaipur

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जयपुर। जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में ठाकुर जी का पहनावे और भोग राग में बदलाव किया गया है।
आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में अब मंगला झांकी सुबह 4.30 के बजाय अब 5 बजे होने लग गई है।

गोविंददेव जी मंदिर में मंगला झांकी समय

अब मंगला झांकी 15 मिनट तक होगी। इसके बाद धूप झांकी 7.45 बजे होगी।

गोविंददेव जी मंदिर में श्रृंगार झांकी समय

श्रृंगार झांकी सुबह 9.30 से 10.15 बजे तक, राजभोग सुबह 10.45 से 11.15 बजे तक,ग्वाल शाम 5 से 5.15 बजे तक,संध्या शाम 5.45 से 6.45 बजे तक और शयन रात 8 से 8.15 बजे तक होगी।

साथ ही अब ठाकुरजी को पोशाक में मखमल, रेशम व ऊनी पोशाक के साथ शॉल, मफलर व दस्ताने धारण करवाने शुरू हो जाएंगे।

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पुरानी बस्ती स्थित मंदिर श्री राधा गोपीनाथजी में भी ठाकुर जी के भोग राग व पहनावे में गर्म तासीर के व्यंजन और पोशाक शुरू हो चुकी है। इसके अलावा चौड़ा रास्ता स्थित मंदिरश्री राधा दामोदरजी में आज से ठाकुरजी के भोगराग व पहनावे में बदलाव शुरू हो गया है। सुबह ठाकुरजी को गुनगुने पानी से स्नान कराया गया।

मंदिर महंत मलय गोस्वामी ने बताया कि ठाकुरजी के पहनावे में गर्म तासीर के कपड़े धारण करवाए गए। वहीं ठाकुरजी को कंबल ओढाना शुरू कर दिया गया है। ठाकुरजी को खीचड़ी व केसर के दूध का भोग शुरू कर दिया गया है। वहीं पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में ठाकुर राधा सरस बिहारी सरकार को गुनगुने पानी स्नान कराना शुरू कर दिया है।

वहीं भोगराग में गुनगुने व्यंजन शामिल हो गए है।

प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि ठाकुरजी की सेवा में केसर व गर्म इत्र का उपयोग शुरू हो गया है। अब ठाकुरजी को धीरे-धीरे मखमल, रेशम व ऊनी पोशाक धारण करवाना शुरू हो जाएगा। ठाकुरजी की सेवा में गर्भगृह में गलीचा सेवा शुरू हो चुकी है। ठाकुरजी के मंगला झांकी सुबह 7 बजे और शयन झांकी रात 8.15 बजे होने लग गई है।

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