गिद्ध संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है जोड़बीड़-केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल

Jodbid is an important place from the point of view of vulture conservation - Union Minister Arjun Ram Meghwal

Union Law and Justice Minister Arjun Ram Meghwal , Arjun Ram Meghwal , Jodbid, vulture conservation, Union Minister, Jodbid Bikaner,

Jodbid is an important place from the point of view of vulture conservation - Union Minister Arjun Ram Meghwal

मुख्यमंत्री की हरियालो राजस्थान की संकल्पना को मूर्त रूप दे रहा वन विभाग, गत वर्ष लगाए 7 करोड़ 22 हजार पौधे : वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा

वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत किया पौधारोपण, लव कुश वाटिका का हुआ लोकार्पण

बीकानेर। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बीकानेर का जोड़बीड़ क्षेत्र गिद्ध संरक्षण के लिए पूरी दुनिया में विशेष पहचान रखता है। यहां सात दुर्लभ प्रजातियों के गिद्ध प्रतिवर्ष अक्टूबर से मार्च तक आते हैं। इसके मद्देनजर यहां ‘वल्चर ब्रीडिंग सेंटर’ की स्थापना की दिशा में कार्य किया जाएगा।

श्री मेघवाल ने सोमवार को जोड़बीड़ में ‘वंदे गंगा,जल संरक्षण जन अभियान’तथा लव कुश वाटिका लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान यह बात कही।

जोड़बीड़ में ‘वंदे गंगा,जल संरक्षण जन अभियान’तथा लव कुश वाटिका लोकार्पण कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि

‘वंदे गंगा,जल संरक्षण जन अभियान’तथा लव कुश वाटिका लोकार्पण

केंद्रीय मंत्री श्री मेघवाल ने कहा कि वर्तमान में हरियाणा, असम, पश्चिम बंगाल और मध्यप्रदेश सहित देश के चार राज्यों पर ‘वल्चर ब्रीडिंग सेंटर’ संचालित हैं। बीकानेर में यह केंद्र स्थापित हो, इसके लिए उच्च स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लगभग चार करोड़ रुपए की लागत से यह केंद्र बीकानेर में खुलने से क्षेत्र को गिद्ध संरक्षण के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी।

श्री मेघवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा जल संरक्षण और ऐतिहासिक जल संग्रहण केंद्रों के संरक्षण का बीड़ा उठाया गया है। इसके दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि पंचतत्व में जल का 72, वायु का 6, अग्नि का चार, पृथ्वी का 12 तथा आकाश का हिस्सा 6 प्रतिशत है। इसमें जल सबसे महत्वपूर्ण है। हमारे पूर्वज पानी की कीमत समझते थे तथा विभिन्न कार्यों में जल के उपयोग की सीमा भी निश्चित थी।

श्री मेघवाल ने कहा कि आज के दौर में पेयजल का अपव्यय रोकना सबसे जरूरी है। जल का दुरुपयोग करने वाले को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करना जरूरी है। श्री मेघवाल ने कहा कि जोड़बीड़ प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थान है। यहां लव कुश वाटिका स्थापित होने से यह पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित होगा।

उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को इसका अवलोकन करवाने का आह्वान किया तथा कहा कि यहां विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाएं, जिससे आमजन को इसके महत्व की जानकारी हो सके।

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल

श्री मेघवाल ने जाल के पेड़ का महत्व बताया और कहा कि जाल का पेड़, बाबा रामदेव जी, हड़बूजी, गुरु जंभेश्वर भगवान सहित सभी लोक देवताओं के प्रिय वृक्षों में था। यह पेड़ वर्ष के बारह महीने हरा भरा रहता है। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ‘म्हारे हरिये वन रा सुवटिया, थाने राम मिले तो कईजे रे’ भजन सुनाया तथा इसके महत्व के बारे में जानकारी दी।

वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा

वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के ‘हरियालो राजस्थान’ संकल्प को मूर्त रूप देने के लिए वन विभाग पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जून 2024 को ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने का आह्वान किया। भारत सरकार द्वारा राज्य को 3 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया। मुख्यमंत्री ने इसे बढ़ाते हुए 7 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा, जबकि वन विभाग और राज्य सरकार के अन्य विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं और आमजन के सहयोग से गत वर्ष प्रदेश में 7 करोड़ 22 लाख पौधे लगाए गए।

श्री शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इसका उल्लेख करते हुए कहा कि ‘संगठन की शक्ति और आमजन के कार्य करने का तरीका देखना है तो राजस्थान की जनता से सीखें।’ उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति पेड़ लगाएं और जिस प्रकार एक मां अपने बालक की देखभाल करती है, उसी प्रकार पौधे के वृक्ष बनने तक उसकी चिंता करें और उसकी देखभाल कर बड़ी सौगात दी जा सकेगी।

श्री शर्मा ने कहा कि ‘वंदे गंगा, जल संरक्षण जन अभियान’, विश्व पर्यावरण दिवस गंगा दशहरा के दिन प्रारंभ हुआ। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक प्रदेशवासी से पौधे लगाने, पोखर जोहड़, तालाब और नदियों का संरक्षण करने तथा प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जल की एक-एक बूंद बचाकर हम बड़ा काम कर सकते हैं, क्योंकि जल प्राकृतिक रूप से ही प्राप्त होता है। इसके मध्यनजर इसका संरक्षण बेहद जरूरी है।


वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत पौधारोपण, लव कुश वाटिका लोकार्पण समारोह

इस दौरान श्री मेघवाल और संजय शर्मा ने त्रिलोक चंद बाफना, शिल्पा कच्छावा, करणी सिंह, शुभम कलवानी, भूरजी नायक, डॉ.करण पुरोहित, सीताराम, कोजाराम, राजवीर सिंह तथा कमल राजपुरोहित का वन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर सम्मान किया। अतिथियों ने तुलसी के पौधों का प्रतीकात्मक रूप से वितरण किया तथा पौधारोपण करने के साथ आमजन को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई।


वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत पौधारोपण, लव कुश वाटिका लोकार्पण समारोह

इससे पहले संभागीय मुख्य वन संरक्षक हनुमान राम चौधरी ने स्वागत उद्बोधन दिया। उप वन संरक्षक (वन्यजीव) संदीप कुमार छलानी ने जोड़बीड़ में विकसित लवकुश वाटिका की विशेषताओं और अब तक हुए कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वाटिका के विकास पर लगभग 2 करोड रुपए हुए हैं। इनमें विजिटर्स के लिए शेल्टर, फेंसिंग, क्लियर वॉटर रिजर्वॉयर, दो प्रवेश द्वार, तलैया, दो किलोमीटर लंबी इको ट्रेल, वॉच टावर आदि बनाए गए हैं।

वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत पौधारोपण, लव कुश वाटिका लोकार्पण समारोह

सहायक वन संरक्षक डॉ पूजा पंचारिया ने आगंतुकों का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित ने किया।

इस दौरान जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सागर, श्याम पंचारिया अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित ने किया।

वहीं उप वन संरक्षक एस.सरथ बाबू, डॉ.सत्य प्रकाश आचार्य,अनिल शुक्ला, गुमान सिंह राजपुरोहित, महावीर सिंह चारण, विजय आचार्य, कोजाराम मेघवाल, शिवलाल तेजी, जितेंद्र सिंह राजवी, नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका, मनीष सोनी, पंकज अग्रवाल, किशन लाल गोदारा और गोपाल अग्रवाल सहित वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि, ग्रामीण तथा वन प्रबंधन समितियां के प्रतिनिधियों सहित अनेक लोग मौजूद रहे।

 

Exit mobile version