Holika Dahan 2021: होलिका विभूति धारण करने से मिलेगा आरोग्य सुख, जानिए क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त

Holika Dahan 2021 will be done on sunday know what is the auspicious time of worship

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-ज्योतिर्विद् विमल जैन
Holika Dahan 2021 : होली (Holi)का पावन पर्व फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन हर्ष, (Holika Dahan 2021) उमंग व उल्लास के साथ मनाने की परम्परा है। इस होलिका विभूति धारण करने से आरोग्य सुख मिलेगा।

प्रख्यात ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि इस बार पूर्णिमा तिथि 27 मार्च, शनिवार को अर्द्धरात्रि के पश्चात् 3 बजकर 27 मिनट पर लगेगी, जो कि 28 मार्च, रविवार को अर्द्धरात्रि 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। स्नान-दान-व्रतादि की फाल्गुनी पूर्णिमा 28 मार्च, रविवार को रहेगी। पूर्णिमा तिथि की रात्रि में होलिका दहन करने का विधान है।

इस बार सर्वार्थसिद्धि एवं अमृतसिद्धि योग का अनूठा संयोग बन रहा है, जो अपने आप में विशेष फलदायी है। इस बार पूर्णिमा तिथि पर भद्रा दिन में 1 बजकर 55 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। होलिका दहन भद्रा में न करके भद्रा के पश्चात् ही किया जाता है।

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शाम पश्चात् अर्द्धरात्रि 12 बजकर 18 मिनट के मध्य ही होलिका दहन किया जाएगा, होलाष्टक को समाप्त हो जाएगा। इस दिन रंगोत्सव का रंगारंग पर्व एवं धुरड्डी विधि-विधानपूर्वक मनाया जाएगा। इसी दिन एक-दूसरे को लोग अबीर-गुलाल भी लगाएंगे। काशी में चैसट्टी घाट पर विराजमान चैसट्टी देवी का दर्शन करने की विशेष महिमा है।

चैत्र कृष्णपक्ष की प्रतिपदा तिथि 28 मार्च, रविवार को अर्द्धरात्रि 12 बजकर 18 मिनट से प्रारम्भ हो जाएगी जो कि 29 मार्च, सोमवार को रात्रि 8 बजकर 55 मिनट तक रहेगी।

होलिका पूजन का विधान- प्रख्यात ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि पूर्व स्थापित की गई होलिका (Holika) की विधि-विधानपूर्वक पूजन की जाती है। होलिका पूजन में रोली, अक्षत, पुष्प, साबूत हल्दी गांठ, नारियल, बतासा, कच्चा सूत, गोबर के उपले एवं पूजन की अन्य सामग्री रहती है। होलिका दहन के समय होलिका की परिक्रमा करने का विधान है।

 

उन्होने बताया कि होलिका की भस्म अत्यन्त ही चमत्कारिक मानी गई है। ऐसी मान्यता है कि होलिकादहन के पश्चात् होलिका की भस्म मस्तक पर लगाने से आरोग्य लाभ के साथ सुख-समृद्धि व खुशहाली मिलती है। फाल्गुन शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही श्री चैतन्य महाप्रभु की जयन्ती भी मनाई जाती है।

 

(हस्तरेखा विशेषज्ञ, रत्न -परामर्शदाता, फलित अंक ज्योतिसी एंव वास्तुविद् , एस.2/1-76 ए, द्वितीय तल, वरदान भवन, टगोर टाउन एक्सटेंशन, भोजूबीर, वाराणसी)

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