Guru Purnima : गुरु पूर्णिमा पर होती है, गुरु की विशेष पूजा-अर्चना

Guru Purnima 2021 know more details

Guru purnima , Guru purnima 2021, Message on Guru Purnima, guru purnima, guru purnima quotes , Guru purnima Celebration , Guru purnima article,

Guru purnima

Guru Purnima  : गुरुकृपा से होता है जीवन आलोकित

गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर :। गुरु साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः॥
@ज्योतिषविद् विमल जैन

भारतीय संस्कृति में गुरु को सर्वस्व स्थान प्राप्त है। गुरु का स्थान सर्वोपरि है। संस्कृत में गुरु का शाब्दिक अर्थ है : अंधकार को दूर करनेवाला।

ज्योतिषविद् विमल जैन बताया कि हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि गुरु पूर्णिमा के रूप में जानी जाती है। गुरु पूर्णिमा का पर्व अति उमंग व हर्ष उल्लास के साथ मनाने की परम्परा चली आ रही है।

गुरु पूर्णिमा का पर्व 24 जुलाई, शनिवार को पड़ रहा है। इस बार आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 23 जुलाई, शुक्रवार को प्रातः 10 बजकर 44 मिनट पर लग रही है, जो कि 24 जुलाई, शनिवार को प्रातः 8 बजकर 07 मिनट तक रहेगी।

जिसके फलस्वरूप गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व 24 जुलाई, शनिवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दिन महर्षि वेद व्यास की भी पूजा-अर्चना करने की विशेष महिमा है। पूर्णिमा तिथि के दिन प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान, ध्यान से निवृत्त होकर पूर्णिमा के व्रत का संकल्प लेना चाहिए। अपनी दिनचर्या नियमित संयमित रखते हुए शुचिता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

पूजा का विधान

एक चौकी पर श्वेत वस्त्र पर पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण 12-12 रेखाएँ बनाकर व्यासपीठ बनाने का विधान है तथा दशों दिशाओं में अक्षत छोडक़र दिग् बन्धन किया जाता है। ब्रह्म, ब्रह्मा, परावर शक्ति, व्यास, शुकदेव, गोड़़पाद, गोविन्द स्वामी और शंकराचार्य के नाममन्त्र से आवाहन करके पूजा करते हैं। अपने दीक्षा गुरु तथा माता-पिता, पितामह, भ्राता आदि की भी पूजा करने का विधान है।

इस दिन अपने गुरु को भक्ति भाव श्रद्धा के साथ नवीन वस्त्र, नकद द्रव्य, ऋतुफल एवं मिष्ठान्न आदि भेंट स्वरूप अर्पित करके चरण स्पर्श करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि गुरु का आशीर्वाद ही जीवन में कल्याण करने वाला, सौभाग्य में अभिवृद्धि करने वाला माना गया है।

ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि अपनी परम्परा के अनुसार अपने गुरु की श्रद्धा भक्ति व आस्था के साथ पूजा-अर्चना करके उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए। गुरु की कृपा से समस्त कष्ट व अनिष्टों का निवारण होता है। जीवन में सुख समृद्धि खुशहाली आती है। पूर्णिमा तिथि के दिन ब्राह्मण व जरूरतमन्दों को देव दर्शन के पश्चात् यथाशक्ति दान-पुण्य कर पुण्य लाभ अर्जित करना चाहिए।

 

(हस्तरेखा विशेषज्ञ, रत्न -परामर्शदाता, फलित अंक ज्योतिसी एंव वास्तुविद् , एस.2/1-76 ए, द्वितीय तल, वरदान भवन, टगोर टाउन एक्सटेंशन, भोजूबीर, वाराणसी)

 

More News : Guru purnima , Guru purnima  2021, Message on Guru Purnima, guru purnima, guru purnima quotes , Guru purnima Celebration , Guru purnima  article,

Read Hindi News, Like Facebook Page : Follow On Twitter:

Exit mobile version