Gupta Navratri 2021 : आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई से, जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि व पूजा सामग्री लिस्ट

Gupt Navratri 2021 Pooja Samgri Ashadh Month Gupta Navratri

Gupt Navratri,Ashadh Month 2021,Gupta Navratri,Gupta Navratri 2021,Navratri 2021 Pooja Samgri,Devi Durga Pooja,pooja samgri list,Gupt Navratri 2021 July,Gupt Navratri 2021 Dates,Gupt Navratri 2021 July Dates,Navratri News,Gupt Navratri Pujan Item,गुप्त नवरात्रि, आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि तिथि

Gupta Navratri 2021

Gupta Navratri 2021 : आषाढ़ मास के तहत आने वाले गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई को रवि पुष्य नक्षत्र के दिव्य संयोग में आरंभ होंगे। पंचांगीय गणना के अनुसार इस पर सप्तमी तिथि का क्षय होने से नवरात्रि आठ दिन के रहेंगे। देवी आराधना के पर्वकाल में तीन रवि एक सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। आषाढ़ नवरात्रि जून-जुलाई के महीने में आते हैं। आषाढ़ और माघ मास की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि के नाम से जानी जाती है।

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि गुप्त नवरात्रि का पर्व रविवार 11 जुलाई को शुरू हाेगा और आषाढ़ शुक्ल नवमी रविवार 18 जुलाई 2021 तक Gupta Navratri मनाया जाएगा।

इस बार गुप्त नवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो कि सुबह 5:31 बजे से रात्रि 2:22 तक रहेगा और उस दिन रवि पुष्य नक्षत्र भी पड़ रहा है, जो कि गुप्त नवरात्रि में कलश स्थापना पर सभी कार्य सिद्ध करेगा। इस बार नवरात्रि 8 दिन की होगी, क्योंकि षष्टी और सप्तमी तिथि एक ही दिन होने के कारण सप्तमी तिथि का क्षय हुआ है।

माता रानी के भक्त गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन श्रद्धालु निराहार या फलादार रहकर मां दुर्गा की अराधना करते हैं। प्रतिपदा तिथि में घर व मंदिर में कलश स्थापना की जाएगी। इस साल आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा गज यानी हाथी की सवारी से आएंगी।

Gupta Navratri 2021 :  बन रहा उत्तम योग

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि गज पर सवार होकर मां दुर्गा के आगमन से उत्तम वृष्टि के आसार होंगे। गुप्त नवरात्रि की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग में हो रही है। पूजा की शुरुआत में आर्द्रा नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग होने से उत्तम योग बन रहा है।

खरीददारी के लिए शुभ योग

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि गुप्त नवरात्रि के दौरान आने वाले रवि योग को खरीददारी के लिए अच्छा माना गया है। रवि योग को साक्षात देवता सूर्य की शक्ति प्राप्त है। मान्यता है कि इस योग में किया गया कोई भी कार्य निष्फल नहीं होता।

घट स्थापना शुभ मुहूर्त

नवरात्रि शुरू – रविवार 11 जुलाई 2021 नवरात्रि समाप्त – रविवार 18 जुलाई 2021 कलश स्थापना मुहूर्त- सुबह 05 : 31 मिनट से 07 : 47 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 11 : 59 मिनट से 12 : 54 मिनट तक। प्रतिपदा तिथि 10 जुलाई को सुबह 07 बजकर 47 मिनट से शुरू होगी, जो कि रविवार 11 जुलाई को सुबह 07 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी।

गुप्त नवरात्रि में करें ये उपाय

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि सुबह-शाम दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। दोनों वक्त की पूजा में लौंग और बताशे का भोग लगाएं। मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प ही चढ़ाएं। मां दुर्गा के विशिष्ट मंत्र ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे’ का सुबह-शाम 108 बार जप करें। गुप्त नवरात्रि में अपनी पूजा के बारे में किसी को न बताएं।

गुप्त नवरात्रि के व्रत नियम

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि गुप्त नवरात्रि के दौरान मांस-मदिरा, लहसुन और प्याज का बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए। मां दर्गा स्वयं एक नारी हैं, इसलिए नारी का सदैव सम्मान करना चाहिए।

जो नारी का सम्मान करते हैं, मां दुर्गा उन पर अपनी कृपा बरसाती हैं। नवरात्रि के दिनों में घर में कलेश, द्वेष या अपमान नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से बरकत नहीं होती है। नवरात्रि में स्वच्छता का विशेष ख्याल रखना चाहिए। नौ दिनों तक सूर्योदय से साथ ही स्नान कर साफ वस्त्र धारण करने चाहिए।

नवरात्रि के दौरान काले रंग के वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए और ना ही चमड़े के बेल्ट या जूते पहनने चाहिए। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटने चाहिए। नवरात्रि के दौरान बिस्तर पर नहीं बल्कि जमीन पर सोना चाहिए। घर पर आए किसी मेहमान या भिखारी का अपमान नहीं करना चाहिए।

मां दुर्गा के इन स्वरूपों की होती है पूजा विख्यात भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी, कमला देवी की पूजा की जाती है।

पूजा सामग्री

विख्यात कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र, सिंदूर, केसर, कपूर, जौ, धूप,वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सुगंधित तेल, बंदनवार आम के पत्तों का, लाल पुष्प, दूर्वा, मेंहदी, बिंदी, सुपारी साबुत, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, आसन, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, कमलगट्टा, जौ, बंदनवार, दीपक, दीपबत्ती, नैवेद्य, मधु, शक्कर, पंचमेवा, जायफल, जावित्री, नारियल, आसन, रेत, मिट्टी, पान, लौंग, इलायची, कलश मिट्टी या पीतल का, हवन सामग्री, पूजन के लिए थाली, श्वेत वस्त्र, दूध, दही, ऋतुफल, सरसों सफेद और पीली, गंगाजल आदि।

Gupta Navratri 2021 :  गुप्त नवरात्र पूजा विधि

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि सुबह जल्दी उठकर सभी कार्यो से निवृत्त होकर नवरात्र की सभी पूजन सामग्री को एकत्रित करें।

Gupta Navratri 2021 : गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा से मिलता है मनवांछित फल

More Article : Gupt Navratri,Ashadh Month 2021,Gupta Navratri,Gupta Navratri 2021,Navratri 2021 Pooja Samgri,Devi Durga Pooja,pooja samgri list,Gupt Navratri 2021 July,Gupt Navratri 2021 Dates,Gupt Navratri 2021 July Dates,Navratri News,Gupt Navratri Pujan Item,गुप्त नवरात्रि, आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि, गुप्त नवरात्रि तिथि

Read Hindi News, Like Facebook Page : Follow On Twitter:

Exit mobile version