मुंबई। परिंदों को मिलेगी मंज़िल यक़ीनन ये फैले हुए उनके पर बोलते हैंय वो लोग रहते हैं खामोश अक्सर ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं। आपने इन पंक्तियों को तो जरुर सुना ही होगा, ऐसा ही काम किया दिवंगत रतन खत्री (Rattan Khatri) ने जोकि मटका किंग (Satta Matka King) के नाम से पूरी दुनियां में जाने जाते है। ये पंक्तियां रतन खत्री पर सटीक बैठ रही है। वे 9 मई 2021 को 88 वर्ष की आयु में ही अलविदा कह गए। आज वे तो हमारे बीच नही पर उनके द्वारा चलाए मटका सट्टा(Gambling)की चमक आज भी बरकरार है। इन्होने पारपंरिक जुंए को नई दिशा दी और बदल दिया मटके में। इस मटके की चमक निंरतर बढ़ती ही जारी है। खत्री ने इसकी कच्छ के कल्याणजी गाला (Kalyan Bhagat) को भी अपना शार्गिद बनाया। राशन की दुकान चलाने वाले कल्याण जी 1944 में कच्छ छोड़कर मुंबई (Kutch to Mumbai) आ बसे थे।
मटका किंग की कमाई थी एक करोड़ पार
आपको जानकार हैरानी भी होगी कि इसी धंधे से उनकी प्रतिदिन की औसत कमाई एक करोड़ रुपये से अधिक हो रही थी। तत्कालीन बाम्बे से निकलकर देश की हर गली मौहल्ले तक पहुंच चुका सट्टा अमर बैल (Mumbai Matka Number) की तरह निंरतर फैलता ही जा रहा था।
ऐसे बना मटका सट्टा (Satta Matka King)
शुरुआत के दिनों में रतन खत्री ने 1962 में न्यूयॉर्क कॉटन एक्सचेंज (New york Cotton Exchange) में कपास के दाम खुलने और बंद होने को लेकर सट्टा कारोबार शुरु किया और फिर मटके में पर्चियां डालकर काम शुरु किया, जिसे हम सभी ‘मटका सट्टा’ (Matka Satta) कहते है। शुरुआती दिनों में कल्याण भगत (Kalyan Bhagat) के साथ काम किया लेकिन कुछ ही समय के बाद ही अपना ’रतन मटका’ (Kalyan Bhagat)शुरू कर दिया। आज जिसकी चमक और खनक देश की राजधानी से लेकर ग्राम पंचायत की गली तक आ पहुंची है।
जो मटके से निकला वही लकी नंबर
रतन खत्री ने पांरपरिक जुंए को एक नई पहचान दिलाई, इसीलिए जब इंटरनेट (Internet) का वर्चस्व नही था तब भी एक नंबर कुछ ही मिनटों में देश की गली गली तक पहुंच जाता था। ऐसी थी इनके मटके की खासियत।
कराची से आए और बन गए मटका सट्टा किंग
सट्टा किंग सिंधी परिवार से तालुक रखते है ओर 1947 में भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान के कराची (Karachi to Mumbai) से मुंबई आ गए थे। शुरुआत में कुछ नही समझ में आया तो जीवन यापन के लिए सट्टे का कारोबार शुरू कर दिया। सबसे पहले इसे मुबई में शुरु किया और आज सब जगह आप देख रहे है।
कभी ठप्प होती थी फोन की लाइन
आज मोबाइल औ नेटवर्क (Mobile Network) हर जगह आसानी से मिल रहा है, लेकिन1962 के साल में तो मुंबई से गांव गांव तक मैसेज भिजवान बहुत बड़ा काम होता था। लैंड लाइन से बात भी पहले बुकिंग से होती थी।
इसी दौरान एक वयोवृद्व सट्टा किंग बतातें है कि उस समय रात 9 बजे के समय सभी ट्रंककॉल आप नही कर सकते थे, उस समय रतन खत्री के नंबर इन सभी दूरभाष लाइनों पर आदान प्रदान किए जाते थे। इसी से शुरु होता था लकी नंबर का खेल।
मार्केट में खत्री का रहता इंतजार
सट्टा किंग रतन खत्री का मुंबई के बाजारों (Mumbai Market) में हमेशा व्यापारी और आने वाले लोग इंतजार करते थे। वे हमेशा बाजार में जाते और तीन कार्ड (Card) चुनने का किसी भी दुकान मालिक को मौका देते। जब सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह से सट्टे का धंध चलने लगा तो आमजन में रतन खत्री के प्रति विश्वास और गहराता गया।
लोकल मार्केट से फिल्मों तक को फाइनेंस
सट्टा किंग रतन खत्री का जलवा धन की बदौलत इतना था कि वो फिल्मों को भी फाइनेंस करने लगे। 1970 के दशक की कुछ बड़ी फिल्मों को भी इन्होने फाइनेंस किया। जिसके चलते मायानगरी में भी इनकी चमक और गहराती गई। इसका जिक्र दिवंगत ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा खुल्लम खुल्ला में भी किया।
उन्होने लिखा कि खत्री फिल्मी दुनिंया के कई कलाकारों को फोन करके भी तीन कार्ड में से एक को चुनने का कहते थे और वही नबंर बन जाता उस दिन का लकी नंबर।
उड़ते विमान से भी भेजा लकी नंबर
दिवंगत ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा खुल्लम खुल्ला में लिखते है कि रतन खत्री का टाइम मैनेजमेंट बहुत ही बेहतरीन और संजीदा था। लकी नंबर को वे कभी मिस नही करते थे। एक बार रतन खत्री बंगलुरु से मुंबई की यात्रा विमान से कर रहे थे। इस दौरान फोन की सुविधा नही होने के कारण मटका नंबर को जारी करने में दिक्कत हो रही थी। इस दौरान खत्री ने हवाई जहाज में के पायलेट की मदद ली और कंट्रोल टावर के जरिए मटका नंबर अनाउंस करवा दिया।
परिवार ने कराया बंद
वर्ष 1993 में मटके का सट्टा बंद करने के पीछे भी कई तरह की दलील है, लेकिन इसी साल वे परिवार के साथ छुट्टियां मनाने लंदन जा रहे थे और एयरपोर्ट पहुंचने पर पता चला कि अधिकारियों ने अवैध काम से जुड़ा होने की वजह से उनका नाम दव-सिल सपेज में डाल दिया था। इसी कारण वे हवाई यात्रा नहीं कर सकते थे। इस तरह पूरे परिवार के सदस्यों के बीच बात होने पर उन्होने इसे बंद करने का निर्णय लिया। हालांकि इसकी पुष्टि नही हो पाई।
प्रमुख मटका सट्टा
देशभर में मटका सट्टा को कई नाम से जाना जाता है, लेकिन हम आपको यंहा पर कुछ प्रमुख मटका के नाम शेयर कर रहे है। इनका नाम आपने सुना भी होगा।
- Tara matka
- Sattamataka143
- Sattabatta
- Satta result
- Satta matta matka
- Satta matta kalyana
- Satta matka result
- Satta matka net
- Satta matka
- Satta king result
- Satta king online
- Satta king gali
- Satta king fast
- Satta king disawar
- Satta king chart
- Satta king 786
- Satta king
- Satta
- Milan night chart
- Milan day chart
- Matkaindia
- Matka satta
- Matka guessing
- Matka boss
- Matka 420
- Madhur matka
- Madhur day
- Kalyan chart
- Ka matka
- Golden matka
- Gali satta
- Disawar satta king
- Disawar satta
- Disawar
- Black satta king
- Black satta
इस तरह के अवैध धंधों से कमाई करने की हैलो राजस्थान आपको सलाह नही देता। लेकिन इस तरह के धंधों की शुरुआत कैसे हुई इस पर हमने आपको जानकारी देने की कोशिश की है। आप इससे दूर रह, देश के विकास में अपना योगदान दे।
More News : Rattan Khatri, Matka King, partition of India, Mumbai matka number, Kalyan matka number open, Kix matka number, Kalyan satta matka number, Kalyan matka number chart, Matka number open, Ratan Khatri, black satta, black satta king, disawar, disawar satta king disawar, DP Boss, fast satta king, gali satta, gali satta king, golden matka, ka matka, Kalyan Chart, Kolkata FF, madhur day, madhur matka, matka 420, Matka Boss, matka guessing, matka satta, matkaindia, milan day chart, milan night chart, Satta, satta disawar, Satta King, satta king 786, satta king chart, satta king online, satta king result, Satta Matka, satta matka net, satta matka result, satta matta kalyana, satta matta matka, satta result, sattabatta, sattamataka143, tara matka