गाय के गोबर से बनी राखियां बंधेगी भाई की कलाई पर

Rakhi made of cow dung will be tied on brother's wrist, Raksha bandhan

Raksha bandhan, Rakhi, wrist, cow, cow dung, tied, Rakhi 2023, , cow dung Rakhi,

Rakhi made of cow dung will be tied on brother's wrist, Raksha bandhan

जयपुर। इस बार रक्षाबंधन (Raksha bandhan) का त्योहार बुधवार, 30 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन से पहले बाजारों में राखियों (Rakhi) की भरमार है। खासकर पिछले तीन-चार साल से श्रीपिंजरापोल गोशाला के सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में बन रही गाय के गोबर से बनी स्पेशल राखियां तो पूरे देश-विदेश में फेमस हैं। अभी बाजारों में गाय के गोबर से बनी राखियों की भी खूब डिमांड है।

जयपुर की सबसे बड़ी गौशाला पिंजरापोल गौशाला में सनराइज ऑर्गेनिक पार्क स्थित अंतर्राष्ट्रीय उन्नत कृषि कौशल विकास संस्थान ने विशेषकर रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए गाय के गोबर से लोगों के लिए राखियां तैयार की हैं।

Rakhi made of cow dung will be tied on brother’s wrist, Raksha bandhan

Raksha Bandhan : गोबर से बनी राखियां अमेरिका व मॉरिशस होंगी निर्यात

इस बार राखी पर भाई-बहन को गौमाता का आशीर्वाद

माना जा रहा है कि भाई बहन के इस पवित्र रिश्ते के त्यौहार को लोग गाय के पवित्र गोबर से बनी राखियों के साथ मनाना पंसद करेंगे। गाय की गोबर की राखियां दिखने में भी सुंदर है और इनकी कीमत भी बाजार की राखियों से कम है। यह राखियां दुकानदार गोशाला से ही खरीदकर ले जा रहे हैं। ऑर्गेनिक पार्क में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने देसी नस्ल की गाय के गोबर से राखियां तैयार की हैं।

महिलाओं को मिल रहा आर्थिक संबंल प्रदान

इस कार्य में हैनिमैन चैरिटेबल मिशन सोसाइटी महिलाओं को आर्थिक संबंल प्रदान कर रही हैं। सोसाइटी की सचिव मोनिका गुप्ता का कहना है कि लोगों में गायों के प्रति श्रद्धा भाव प्रबल हो, इसलिए गोबर और बीज से राखियां बनाई गई हैं। देखने में आता है कि रक्षाबंधन के कुछ देर बाद लोग राखियां उतार कर इधर-उधर फेंक देते हैं। राखी भाई बहन प्यार का प्रतीक होती है, जो कुछ दिन बाद कचरे में पहुंच जाती है।

Rakhi made of cow dung will be tied on brother’s wrist, Raksha bandhan

इसीलिए गाय के गोबर में बीज मिलाकर बनाई गई है, ताकि त्यौहार के बाद राखी को अपने घर में रखे गमले में गाड़ दिया जाए, तो कुछ दिन बाद ही राखी में रखा बीज फुटकर पौधा बन जाएगा।

आईआईएएएसडी के डायरेक्टर डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण व शहरी आजीविका मिशन के तहत हैनिमैन चैरिटेबल मिशन सोसाइटी के तत्वावधान में संचालित माता रानी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने गाय माता के गोबर से राखी बनाई है। ये अपने मुनाफे से घर परिवार को आर्थिक संबल प्रदान कर रही हैं। इनकी बनाई गई राखियां इस बार विदोशों में भी भेजी गई हैं।

अमेजन पर अच्छी सस्ती राखियां खरीदने के लिए देखें शानदार ऑफर:Best Rakhi for Raksha Bandhan

Tags : Rakhi, Raksha Bandhan,

Read Hindi News, Like Facebook Page : Follow On Twitter:

Exit mobile version