राजस्थान फसल बीमा क्लेम वितरण में देश में अव्वल

Rajasthan first state in India insurance claim distribution through portal Meri Policy Mere Haath campaign

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-अब तक 19 हजार 900 करोड़ का फसल बीमा क्लेम वितरित

जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में अब तक लगभग 210 लाख (Fasal Bima Policy) फसल बीमा पॉलिसियों पर पोर्टल के माध्यम से 19 हजार 900 करोड़ रुपये का (Fasal Bima Claim) फसल बीमा क्लेम वितरित किया गया है। जिससे अब राजस्थान (Fasal Bima Claim) फसल बीमा क्लेम में पूरे देश में अव्वल है।

राज्य सरकार की तर्ज पर रबी 2021-22 से ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ अभियान पूरे देश में लागू कर काश्तकारों को बीमा पॉलिसियां वितरित करना शुरू किया है, जो राज्य सरकार के लिए गर्व और खुशी का विषय है। किसानों को केन्द्र सरकार द्वारा समय पर बीमा पॉलिसी नहीं मिलने की समस्या के निराकरण करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पहल करते हुए खरीफ 2021 से किसानों को बीमा पॉलिसियों का वितरण शुरू किया गया।

इसके उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा भी खेती-किसानी का कार्य करते समय किसानों को कभी मौसम की तो कभी प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलनी पडती है। जिसके चलते किसान पसीने से सिंचित फसल की पैदावार का पूरा लाभ नही ले पाते हैं।

राज्य सरकार द्वारा फसल खराबे से पीड़ित किसानों को फसल बीमा योजना के माध्यम से खराब हुई फसल की क्षतिपूर्ति के लिए बीमा क्लेम दिया जाता है। राज्य सरकार का यह कदम किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है।

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210 लाख फसल बीमा पॉलिसियों का बीमा क्लेम वितरित

कृषि एवं उद्यानिकी शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने कहा कि प्रदेश में गत चार वर्षों में लगभग 956.42 लाख फसल बीमा पॉलिसियों का सृजन हुआ है।

उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 210 लाख फसल बीमा पॉलिसियों पर पोर्टल के माध्यम से 19 हजार 900 करोड़ रुपये का फसल बीमा क्लेम वितरित कर राजस्थान पूरे देश में अव्वल है। उन्होंने बताया कि रबी सीजन 2018-19 में 31.06 लाख व खरीफ सीजन 2019 में 46.06 लाख फसल बीमा पॉलिसी सृजित हुई हैं।

इसी प्रकार रबी सीजन 2019-20 में 40.11 लाख, खरीफ सीजन 2020 में 67.02 लाख, रबी सीजन 2020-21 में 40.43 लाख, खरीफ सीजन 2021 में 186.30 लाख, रबी सीजन 2021-22 में 157.55 लाख, खरीफ सीजन 2022 में 216.01 लाख फसल बीमा पॉलिसी सृजित हुई हैं।

इसी प्रकार रबी सीजन 2022-23 में लगभग 171.88 लाख फसल बीमा पॉलिसियों का सृजन हुआ है।

बेहतर क्रियान्वयन के लिए राजस्थान सम्मानित

डॉ. पृथ्वी ने बताया कि राज्य में फसल बीमा योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर में अप्रैल 2023 में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को दो पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। राज्य को राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से बीमा क्लेम वितरण में प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया एवं योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए द्वितीय स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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किसानों के लिए न्यूनतम प्रीमियम पर फसल बीमा

कृषि एवं उद्यानिकी शासन सचिव ने बताया की किसानों द्वारा खरीफ फसलों के लिए केवल 2 प्रतिशत एवं रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत का प्रीमियम का भुगतान किया जाता है तथा वाणिज्यिक एवं बागवानी फसलों के लिए प्रीमियम 5 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत फसली ऋण लेने वाले ऋणी कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बटाईदार कृषकों द्वारा फसलों का बीमा कराया जा सकता है।

योजना से कृषक सालाराम और रघुवीर को मिला संबल

जयपुर जिले की तहसील फुलेरा निवासी सालाराम बाना ने बताया कि वे अपने खेत में रबी और खरीफ दोनों की फसल लेते हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष गेहूं की फसल कटाई के बाद तेज बरसात होने के कारण कारण खेत मे पानी भर गया और खेत में पड़ी हुई पूरी फसल खराब हो गयी।

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बाना बताते हैं कि फसल बीमा योजना में फसल का बीमा करवाने के कारण ही वे बर्बाद होने से बच गए। उनके खाते में बीमा क्लेम के रूप में 60 हजार रुपये जमा हुए। वह कहते हैं कि यह योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है। क्योंकि बीमा क्लेम नहीं मिलने की स्थिति में वे कभी अपने कर्जे से उबर नहीं पाते और उनका परिवार पैसों के लिए मोहताज हो जाता। अब सालाराम अपने गांव के अन्य किसानों को भी फसल बीमा करवाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

इसी प्रकार जयपुर जिले के ग्राम मागलवाडा निवासी रघुवीर प्रसाद ने बताया कि गत वर्ष उन्होंने अपने खेत में मूंग की फसल बोई थी, जो जलभराव के कारण नष्ट हो गयी थी। वे कहते हैं कि नुकसान के बावजूद वे इस बात से राहत में थे कि उन्होंने योजना के तहत मूंग की फसल का बीमा करवाया हुआ था।

रघुवीर बताते हैं कि फसल खराबे के एवज में उन्हें 55 हजार रुपये का क्षतिपूर्ति क्लेम उनके बैंक खाते में प्राप्त हुआ। वे इस राहत के लिए सरकार का धन्यवाद देते नहीं थकते।

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