राजस्थान में जेलों की व्यवस्था देश के अन्य राज्यों की जेलों के मुकाबले काफी बेहतर : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

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जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में जेलों (Jail) की व्यवस्था देश के अन्य राज्यों की जेलों के मुकाबले काफी बेहतर है। श्री गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास (CM Residence) पर राजस्थान कारागार विभाग (Rajasthan Jail Department) की फीचर फिल्म ‘रोड टू रिफॉर्म‘ (Road to Reform) के वर्चुअल रिलीज कार्यक्रम के अवसर पर संबोधित कर रहे थे।

Jail Department जेलों में स्वस्थ वातावरण बनाए रखने के लिए और ठोस कदम उठाए

मुख्यमंत्री (CM) अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि हमारा प्रयास है कि जेलों में स्वस्थ वातावरण बनाए रखने के लिए और ठोस कदम उठाए जाएं।

उन्होंने सजा अवधि पूरी कर चुके बंदियों को आजीविका से जोड़ने के लिए उनकी योग्यता के अनुरूप जेल विभाग (Jail Department) द्वारा प्लेसमेंट की व्यवस्था किए जाने का सुझाव दिया। इससे बंदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में आसानी होगी।

महानिदेशक जेल राजीव दासोत की परिकल्पना के आधार पर रॉन्केल ब्रदर्स के सहयोग से बनाई गई इस फिल्म के लिए उन्होंने निर्देशक संजीव शर्मा, फिल्म के पात्रों एवं पूरी टीम को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि जेलों में बंदियों के साथ अच्छा बर्ताव ही उनके जीवन में सुधार का मार्ग प्रशस्त करता है।

‘रोड टू रिफॉर्म‘ फिल्म का निर्माण भी जेलों में सुधार की दृष्टि से एक अच्छा नवाचार है। ऎसे नवाचार निरंतर किए जाने चाहिए।

मुख्यमंत्री (CM) ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने कहा था कि ‘अपराधी से नहीं अपराध से घृणा करो‘। इसी भावना को ध्यान में रखकर राज्य सरकार लगातार जेल सुधार कार्यों को आगे बढ़ा रही है। इससे बंदियों की जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

राजस्थान दिवस (Rajasthan Diwas) पर राज्य सरकार ने अच्छे आचरण वाले 1350 बंदियों को रिहा किया था। पिछले माह भी कोरोना (CoronaVirus) को ध्यान में रखते हुए 124 बंदियों को स्पेशल पैरोल दिया गया और 92 बंदियों की पैरोल अवधि बढ़ाई गई। हाल ही बंदियों की न्यूनतम मजदूरी में भी 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

श्री गहलोत ने कहा कि यह खुशी की बात है कि टाटा ट्रस्ट (Tata Trust) द्वारा हाल ही प्रकाशित ‘इंडिया जस्टिस‘ रिपोर्ट में राजस्थान जेल विभाग  (Rajasthan Jail Department)  को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि पिछले वर्ष हम 12वें स्थान पर थे। इसी प्रकार, जेलों में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर राजस्थान ’ई-मुलाकात’ में प्रथम स्थान पर रहा है।

यहां एक लाख से अधिक ई-मुलाकातें करवाई गईं। मुख्यमंत्री (CM) ने प्रदेश की जेलों में 45 वर्ष से अधिक आयु के बंदियों का शत-प्रतिशत तथा 18 से 45 आयु वर्ग के 80 प्रतिशत बंदियों के कोविड टीकाकरण पर जेल विभाग के प्रयासों को सराहा।

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने इस फिल्म को जेल सुधार की दिशा में सार्थक पहल बताया। उन्होंने फिल्म के किरदारों और कहानी की मौलिकता की सराहना की।

प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने बताया कि गृह विभाग (Department of Home) राज्य की जेलों में और अधिक सुधार के लिए नया जेल मैन्युअल तैयार कर रहा है।

महानिदेशक जेल राजीव दासोत ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि जेलों में सुधार की दृष्टि से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ’रोड टू रिफॉर्म’ फिल्म का निर्माण इसी दिशा में किया गया एक नवाचार है।

उन्होंने बताया कि इस फिल्म के निर्माण में जेल के बंदी, अधिकारियों और कर्मचारियों ने ही भूमिका निभाई है और फिल्म की शूटिंग भी जयपुर सेंट्रल जेल, महिला जेल एवं सांगानेर खुली जेल में हुई है।

एडीजी जेल मालिनी अग्रवाल ने आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। प्रदेशभर की जेलों के अधिकारी एवं कार्मिक भी वीसी के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े।

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