Tibet : भारत तिब्बत समन्वय संघ विश्व भर में चलाएगा तिब्बत की आजादी के लिए आंदोलन

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शरणार्थी नहीं, वह हमारे भाई – ओपी तिवारी, पूर्व एयर वाइस मार्शल

जयपुर। तिब्बत (Tibet) की मुक्ति आंदोलन में भारत तिब्बत समन्वय संघ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसके लिए विश्व भर में व्यापक आंदोलन चलाया जाएगा। यह बात अंतर्राष्ट्रीय शरणार्थी दिवस पर आज भारत तिब्बत समन्वय संघ के तत्वाधान राष्ट्रीय सेमिनार में सामने आई। वेबीनार का प्रारंभ मां सरस्वती की वंदना के साथ हुआ।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व एयर वाइस मार्शल ओपी तिवारी ने कहा कि तिब्बत की मुक्ति आंदोलन (Independence ) में भारत तिब्बत समन्वय संघ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसके लिए विश्व भर में व्यापक आंदोलन चलाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि तिब्बत के लोग भारत के लिए हमेशा परिवार का हिस्सा ही रहे हैं और तिब्बती मूल के लोगों ने भी भारत के राष्ट्रीय महत्व को सदैव बनाए रखने का प्रयास किया है। विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम संयोजक और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाराशर ने बताया कि शरणार्थी और उनकी समस्याओं को लेकर आयोजित इस गूगल मीट में देश के प्रतिष्ठित लोगों ने अपनी बात रखी।

लोकसभा सदस्य अलवर सांसद महंत बालक नाथ योगी ने कहा की रोहिंग्या और बांग्लादेशी देश के लिए प्रमुख समस्या है तिब्बत मूल के लोगों ने जहां भारत की राष्ट्रीयता का सदैव सम्मान किया है वही रोहिंग्या और बांग्लादेशियों ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भाग लेकर देश की एकता अखंडता को खतरा पहुंचाने का प्रयास किया है। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहने की आवश्यकता है।

वृंदावन के पूज्य संत सुनील कौशल महाराज ने कहा कि भारत सदैव वासुदेव कुटुंब का संदेश देता आया है विभिन्न धर्मों और संप्रदायों ने भारत में आश्रय लिया है राष्ट्र ने कभी भी जाति पंथ के हिसाब से कोई भेदभाव नहीं किया है और सभी शरणार्थियों के अधिकारों की रक्षा करने का प्रयास किया है।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व में कार्यकारी सचिव रहे रोहित पांडेय ने शरणार्थी से जुड़े कानूनों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत में किस तरह से शरणार्थी कानून के तहत विभिन्न देशों से आए लोगों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है और इसमें आवश्यक सुधार की कितनी जरूरत है।

तिब्बत सरकार के समन्वयक जिग्मे सुल्ट्रीम ने भारत तिब्बत समन्वय संघ के द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि तिब्बत के लोग भारत में रहकर कभी भी स्वयं को शरणार्थी जैसा महसूस नहीं करते हैं और यह बात उनके समुदाय के लोग विश्व भर में जाकर दुनिया को बताते हैं।

उन्होंने बताया कि वर्षों से तिब्बती शरणार्थी भारत में राजनीतिक शरण लिए हुए हैं और चीन से मुक्ति के आंदोलन को परम पूजनीय दलाई लामा के संरक्षण में अनवरत चलाए हुए हैं इस कार्य में उन्हें भारत तिब्बत समन्वय संघ जैसे संगठनों का विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है।

संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मेजर जनरल नीलेंद्र कुमार ने तिब्बत सहित देश और विदेश में रह रहे शरणार्थियों की समस्या पर चर्चा करते हुए कहा कि शरणार्थियों की समस्या का हल आवश्यक रूप से होना चाहिए।

अंत में सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मंच के राष्ट्रीय महामंत्री सौरभ सारस्वत ने कहा कि तिब्बती परिवारों के लिए भारत तिब्बत समन्वय संघ के सभी सदस्य दिन रात कार्य कर रहे हैं भारत में रह रहे सभी तिब्बती भाइयों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हुए कभी भी उन्हें शरणार्थी नहीं समझा गया है। संघ शरणार्थियों के अधिकारों की रक्षा के लिए भारत सरकार से विशेष रूप से वार्ता करेगा।

तिब्बत के नवनिर्वाचित सिक्योंग (प्रधानमंत्री) ने संघ को भेजा सद्भावना पत्र… जल्द ही तिब्बत के राजनीतिक प्रमुख करेंगे मुलाकात।

भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय महामंत्री सौरभ सारस्वत को तिब्बत निर्वासित सरकार के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री और राजनीतिक प्रमुख पैम्पा सिरिंग ने सद्भावना व धन्यवाद पत्र भेजा है।

जिसके माध्यम से तिब्बत के नव निर्वाचित प्रमुख ने संघ के साथ कार्य करने की इच्छा व्यक्त की है।

उन्होंने संघ के कार्य में विश्वास जताते हुए कहा है कि तिब्बत की आजादी और लोकतंत्र की स्थापना के लिए परम पूजनीय दलाई लामा के आदेशों का अनुकरण करते हुए वह संघ के साथ कार्य करेंगे।

तिब्बत की आजादी के मामले में संघ का सहयोग की अपेक्षा करते हुए नवनिर्वाचित सिक्योंग ने कहा कि निर्वासित तिब्बत ही नहीं बल्कि वर्तमान तिब्बत में रह रहे लोगों के लिए भी वह जल्द ही भारत तिब्बत समन्वय संघ के साथ मिलकर आवश्यक बैठक करेंगे।

उन्होंने अपने पत्र में कहा कि वर्तमान में कोविड-19 के चलते राजनीतिक व सामाजिक बैठक अभी रुकी हुई है हालात सामान्य होने पर जल्द ही साथ मिलकर कार्य योजना बनाते हुए इस विषय पर आवश्यक चर्चा की जाएगी।

ज्ञात हो कि गत दिनों नवनिर्वाचित तिब्बत (Tibet) निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री और राजनीतिक प्रमुख को भारत तिब्बत समन्वय संघ की तरफ से राष्ट्रीय महामंत्री सौरभ सारस्वत ने उनके निर्वाचन पर बधाई और शुभकामना पत्र भेजा था।

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