देश-दुनिया के लोग अब ले सकेंगे बीकानेरी रसगुल्ले, भुजिया-नमकीन का स्वाद

People of the country and the world will now be able to enjoy Bikaneri Rasgulla, Bhujiya-Namkeen

Bikaneri Rasgulla, Bhujiya-Namkeen

People of the country and the world will now be able to enjoy Bikaneri Rasgulla, Bhujiya-Namkeen

जयपुर(Rajasthan News)। देश-दुनिया के लोग अब एक बार फिर बीकानेरी रसगुल्ले(Bikaner Rasgulla , namkeen), केसरवाटी, भुजिया-नमकीन और पापड़-बड़ी आदि के स्वाद का आनंद ले सकेंगे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि बीकानेरी भुजिया-नमकीन, पापड़, रसगुल्लों आदि के जाने-माने प्रमुख ब्रॉण्ड लाकडाउन 5 या यों कहें कि ओपनिंग 1 में अपनी 90 प्रतिशत उत्पादक क्षमता से उत्पादन करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के बीकानेरी भुजिया को अपनी विशिष्ठ पहचान के कारण अंतरराष्ट्रीय मानक जीआई यानी की जियोग्राफिकल इंडिकेशन प्राप्त है।

एसीएस उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार के समन्वित प्रयास से प्रदेश के उद्योग धंधे तेजी से उत्पादन की और बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीकानेर के विश्व प्रसिद्ध ब्रॉण्ड बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल, भीखाराम चांदमल, सेठिया फूड्स, जैन फूड्स, रस रसना, श्रीराम फूड्स आदि सभी बड़ी इकाइयों में 90 प्रतिशत उत्पादन क्षमता से उत्पादन होने लगा है।

उन्होंने बताया कि बीकानेर के रीको औद्योगिक क्षेत्र में पापड़-भुजिया की 80 इकाइयां स्थापित है और अब इन सभी इकाइयों में उत्पादन होने लगा है। उन्होंने बताया कि प्रदे6ा के उद्योगों के मुख्यधारा में आने के यह शुभ संकेत है।

आयुक्त उद्योग मुक्तानन्द अग्रवाल ने बताया कि बीकानेर जिले में भुजिया, नमकीन, पापड़-बड़ी, रसगुल्ला, केसरवाटी आदि की करीब 450 इकाइयां है। उन्होंने बताया कि रीको औद्योगिक क्षेत्र की सभी इकाइयों सहित अधिकांश छोटी व मझोले आकार की शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की इकाइयों में भी उत्पादन शुरु हो गया है।

उन्होंने बताया कि मांग बढ़ने के साथ ही इन इकाइयों की उत्पादन क्षमता में भी बढ़ोतरी हो सकेगी। उन्होंने बताया कि बीकानेर के पापड़-भुजिया की सप्लाई चैन मजबूत होने, आधारभूत सुविधाओं की सहज उपलब्धता और भुजिया नमकीन उद्योग को पुनः पटरी पर आने से यह उद्योग तेजी से गति पकड़ने लगा है।

आयुक्त श्री अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में सीमेंट, टेक्सटाइल्स, पत्थर, खाद्य तेल, आटा, बेसन, दाल, फूड प्रोसेसिंग, फर्टिलाइजर, केमिकल, ग्लास, इंजीनियरिंग सहित अनेक बड़ी इकाइयों में भी उत्पादन शुरु हो गया है। इसके साथ ही 54791 सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्योगों व 456 बड़े उद्योगों में उत्पादन शुरु होने से एक और श्रमिकों को रोजगार मिलने लगा है वहीं औद्योगिक इकाइयां उत्पादक कार्य में लग गई है।

उन्होंने बताया कि समन्वित व योजनाबद्ध प्रयासों से प्रदेश में तेजी से उद्योग-धंधें शुरु होने लगे हैं।

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