धीर एसोसिएट्स के मैनेजिंग पार्टनर आलोक धीर के खिलाफ लुकआउट नोटिस की मांग

Lookout notice sought against Alok Dhir of Dheer Associates managing partner

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Lookout notice sought against Alok Dhir of Dheer Associates managing partner

जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राजस्थान पुलिस ने ( Dheer Associates ) धीर एसोसिएट्स के( managing partner) मैनेजिंग पार्टनर (Alok Dhir) आलोक धीर के खिलाफ लुकआउट नोटिस (Lookout notice ) मांगा है, जो कथित तौर पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), एक्सिस बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया सहित कई बैंकों के(Bank Loan)  ऋण घोटाले (Bank Loan Scam) में शामिल हैं।

उन्हें देश छोड़ने से रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। सूत्रों के अनुसार, भले ही आलोक धीर ने दिल्ली उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत लेने का प्रयास किया हो, लेकिन वह राजस्थान पुलिस को पूछताछ के लिए भेजे गए नोटिस का जवाब नहीं दे रहा था और 23 अक्टूबर से गिरफ्तारी से बच रहा था।

आलोक धीर और उसके परिवार के साथ, राजस्थान पुलिस ने एक्सिस बैंक के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों तथा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एक महाप्रबंधक और उपाध्यक्ष के लिए भी नोटिस जारी किया है ।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट ने आलोक धीर के साथ सात अन्य के खिलाफ 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश की सजा) सहित कई आईपीएस धाराओं के तहत गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

एक बड़े घोटालों की आशंका को देखते हुए, राजस्थान पुलिस ने 23 अक्टूबर को जैसलमेर कोर्ट से उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट मिलने के तुरंत बाद प्रवर्तन निदेशालय को सूचित किया था।

सूत्रों के अनुसार, जैसलमेर (राजस्थान) पुलिस के साथ, राष्ट्रीय प्रवर्तन एजेंसियों ने भी कई मामलों में बिचौलिए के रूप में धीर की भूमिका पर प्रारंभिक जांच शुरू की है ताकि बैंकरों और उधार लेने वालों के साथ मिलकर बैंकिंग क्षेत्र में हुए नुकसान का आकलन किया जा सके।

सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक जांच के दौरान, जैसलमेर पुलिस ने न केवल एसबीआई, बल्कि एक्सिस बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के साथ भी कई ऋणों और वसूली प्रक्रिया में आलोक धीर के शामिल होने का पता लगाया है। राजस्थान पुलिस (आर्थिक अपराध शाखा) ने शुरुआती जांच के आधार पर आगे की और जांच तेज कर दी है।

एसबीआई के मामले में जैसलमेर की सीजेएम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद इस बात पर सहमति जताई कि बिना नीलामी किए, सीधे के होटल को बेचना धोखाधड़ी है। कोर्ट ने 23 अक्टूबर को आलोक धीर और एसबीआई के पूर्व चेयरमैन प्रतीप चौधरी समेत आठ लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, जिसके बाद जैसलमेर पुलिस ने पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार किया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार (3 नवंबर) को अलोक धीर को अग्रिम जमानत दे दी, लेकिन कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने इस मामले का विश्लेषण नहीं किया है इसलिए जांच एजेंसियों ने अपनी जांच प्रक्रिया को और तेज कर दिया है।

कानून और कॉर्पोरेट सर्कल में, यह सभी को पता है कि अलोक धीर ने कॉर्पोरेट और वित्तीय पुनर्गठन, दिवाला कानून, एम एंड ए, टेकओवर, बैंकिंग कानून, परिसंपत्ति पुनर्निर्माण और प्रतिभूतिकरण से संबंधित मुद्दों पर विशेष ध्यान देने के साथ कॉर्पोरेट कमर्शियल और नागरिक कानून में पैंतीस वर्षों से अधिक के अपने व्यापक अनुभव का फायदा उठाते हुए भारी पूंजीकरण और मुद्रीकरण किया है। वह एल्केमिस्ट एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और आईआरआर इन्सॉल्वेंसी प्रोफेशनल्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर हैं।

 

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