भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर की जयंती के अवसर पर ‘असहमति और लोकतंत्र’ विषय पर व्याख्यानमाला

Lecture series on Dissent and Democracy on the occasion of birth anniversary of former Prime Minister of India Late Chandrashekhar

former Prime Minister Chandrashekhar, Democracy, Lecture series, birth anniversary, Rajender Rathore,

Lecture series on Dissent and Democracy on the occasion of birth anniversary of former Prime Minister of India Late Chandrashekhar

जयपुर। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर की 98वी जयंती के अवसर पर राजस्थान विधानसभा के कांस्टीटयूशन क्लब ऑफ़ राजस्थान में प्रोग्रेसिव राइटर्स क्लब एसोसिएशन की ओर से ‘असहमति और लोकतंत्र’ विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया।

Lecture series on Dissent and Democracy on the occasion of birth anniversary of former Prime Minister of India Late Chandrashekhar

कार्यक्रम के आयोजक और प्रोग्रेसिव राइटरस क्लब एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’ ने बताया कि व्याख्यानमाला का शुभारम्भ, मुख्य वक्ता बिहार के राज्यपाल, आरिफ मोहम्मद खान, पूर्व सांसद और समाजसेवी नेता, पंडित रामकिशन (समारोह अध्यक्ष), सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा और पूर्व नेता प्रतिपक्ष, राजेंद्र राठौड़ द्वारा स्वर्गीय चंद्रशेखर की तस्वीर पर पुष्प अर्पण कर किया गया। कार्यक्रम में साहित्यकारों, पत्रकारों और प्रबुद्धजनों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। इससे पूर्व लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’ द्वारा सूत की माला और तिरंगा अंगवस्त्र पहना कर स्वागत किया गया।

बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अपने उदबोधन में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर को श्रद्धांजलि देते हुए उनसे जुडी कई रोचक कहानियां साझा की और ‘असहमति और लोकतंत्र’ व्याख्यान में बताया कि, ये दोनों ही एक-दूसरे से जुड़े हैं। लोकतंत्र में लोगों को अपनी राय व्यक्त करने और सरकार के प्रति विरोध व्यक्त करने का अधिकार है। असहमति व्यक्त करना लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सरकार को अपनी नीतियों को सुधारने और जनता की आवाज सुनने के लिए प्रेरित करती है।

Exit mobile version