जयपुर : ऑर्डर निशानदेही का और प्रशासन ने करवा दी पत्थरगढ़ी

Land Mafia in Sanganer in Jaipur

Land Mafia in Sanganer in Jaipur

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-भूमाफिया सरकारी स्कूल के रास्ते को बंद करने पर आमदा
– माफिया मदद के लिए पहुंचा पुलिस-प्रशासनिक अमला

जयपुर। राजस्थान में भले ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, मगर यहां आज भी पूर्ववती सरकार के नेताओं की तूती बोलती है। पूर्ववती सरकार के मुखिया की तो पुलिस-प्रशासन पर धौंस चले सो चले परंतु उनके तथाकथित रिश्तेदारों ने भी “पावर’ का इस्तेमाल कर आमजन को नाकों चने चबवा दिए हैं। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि सांगानेर तहसील के चंद अधिकारी नई सरकार से बेखौफ होकर वर्तमान में विपक्षी पार्टी के कुछ नेताओं के सरपरस्त भूमाफिया के इशारों पर करोड़ों की भूमि पर कब्जा करने में मददगार बन रहे हैं। जी, हां ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत खेड़ी गोकुलपुरा के ग्राम ग्वार ब्रह्मणान की ब्रह्मपुरी की ढाणी का है।

Land Mafia in Sanganer in Jaipur

करीब चालीस घरों की आबादी वाले जयपुर विकास प्राधिकरण के जोन नं-14 में स्थित इस छोटे से गांव में आने-जाने के लिए खसरा नं.-633, 643 के रकबा क्रमश: 0.07000,0.0100 व 0.0300 से होकर गुजरता है। इस रास्ते का खसरा जेडीए के नाम इंद्राज हो चुका है। इस ढाणी में सरकारी स्कूल व एक प्राचीन मंदिर भी है। ग्रामीणों व बच्चों को स्कूल आने-जाने के लिए यही एक मात्र आम रास्ता है। यहां तक की इस रास्ते को जेडीए ने विधायक कैलाश वर्मा की अनुशंसा पर सीसी रोड बना दिया है।

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ग्रामीण जगदीश नारायण शर्मा ने बताया कि नितिन चौहान नामक व्यक्ति जेडीए के अधिकार क्षेत्र के इस रास्ते पर कब्जा कर चुका है। इससे ग्रामीणों की आवाजाही अवरूद हो गई। जेडीए के अधिकारियों को अतिक्रमण की बार-बार शिकायत की मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक की बगरू विधानसभा क्षेत्र की तत्कालीन विधायक गंगादेवी ने भी उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया था। हताश होकर आसपास के खेतों के मालिकों से आग्रह पर अस्थाई रास्ता लेना पड़ा है।

उधर, नितिन चौहान ने जेडीए की भूमि पर अतिक्रमण के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि नक्शे में उक्त भूमि मेरी मां के नाम से है।

वहीं, भूमि की निशानदेही के लिए पुलिस जाब्ते के साथ पहुंचे सांगानेर तहसीलदार अरविंद कविया ने बताया कि भू-अभिलेख निरीक्षक शिकारपुरा व पटवारी हल्का खेड़ी गोकुलपुरा की तकनीकी टीम से डीजीपीएस मशीन के द्धारा सीमा चिन्हिकरण का कार्य करवाया गया। भू-प्रबंध विभाग व राजस्व विभाग की टीम ने सीमा चिन्हिकरण के आधार पर खूंटियां लगाकर वादीगण को पाबंद किया गया कि वे चिन्हित जगह पर तारबंदी या अन्य किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं करें।

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