खेतों में विद्युत टॉवर और 132 केवी से प्रभावित भूमि के किसानों को मिलेगा मुआवजा

Farmers whose land is affected by electric towers and 132 KV in their fields will get compensation

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जयपुर। ऊर्जा मंत्रालय-भारत सरकार ने विद्युत टॉवर और 132 केवी पारेषण लाइन से प्रभावित भूमि के किसानों के मुआवजे की नई गाइडलाइन जारी करते हुए टॉवर की भूमि और कॉरिडोर की भूमि के मुआवजे का प्रावधान रखा है। इससे किसानों को उनकी फसल के नुकसान के साथ अब भूमि का मुआवजा मिल सकेगा। भारतीय किसान संघ इसके लिए लंबे समय से मांग कर रहा था।

सौर ऊर्जा कंपनी के अधिवक्ता डॉ.अशोक कुमार भाटी ने बताया कि 132 केवी और ऊपर की विद्युत पारेषण टॉवर के नीचे की भूमि के लिए डीएलसी का 200 प्रतिशत और दो टॉवर के मध्य के कॉरिडोर के नीचे की भूमि के लिए डीएलसी का 30 प्रतिशत मुआवजा देने हेतु समस्त विद्युत पारेषण लाइनों निर्माण कम्पनियों को निर्देश जारी किए गए हैं। ये मुआवजा राशि का प्रावधान फसल मुआवजे की पूर्व निर्धारित प्रावधानों के अतिरिक्त होगा।

उन्होने बताया कि मुआवजे का निर्धारण संबंधित क्षेत्र के राज्स्व विभाग के अधिकारी द्वारा स्थानीय डीएलसी के आधार पर किया जाएगा

भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष शंभू सिंह राठौड़ ने बताया की विद्युत टॉवर और 132 केवी और ऊपर की विद्युत पारेषण लाइनों के हद में आने वाली भूमि का मुआवजा मिलेगा। इससे किसानों को राहत मिली है।

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