जयपुर। टोक्यो पैरा ओलंपिक (Tokyo 2020 Paralympic) में सिल्वर मेडल जीतने के बाद शनिवार को जयपुर पहुंचे स्टार ओलंपियन (Devendra Jhajharia) देवेंद्र झाझड़िया का उनके चाहने वालों और शहर के लोगों ने जोरदार स्वागत (Welcome) किया।
एयरपोर्ट (Jaipur Airport) पर बड़ी संख्या में मौजूद लोगों ने उनका अभिनंदन किया, वहीं एयरपोर्ट से चित्रकूट, वैशाली नगर स्थित अपने आवास तक जुलूस के साथ पहुंचे देवेंद्र झाझड़िया का जगह-जगह स्वागत किया गया।
इस दौरान उनके चित्रकूट स्थित आवास के सामने स्थित पार्क में चित्रकूट विकास समिति की ओर से उनका नागरिक अभिनंदन किया गया।
इस दौरान राज्य के मुख्य खेल अधिकारी द्रोणाचार्य अवार्डी वीरेंद्र पूनिया ने कहा कि जिस समय देश में पैरा स्पोर्ट्स को कोई जानता भी नहीं था, उस समय 2004 में एथेंस ओलंपिक में देवेंद्र ने गोल्ड मेडल जीता और लोगों के लिए एक प्रेरणा बने।
उसके बाद रियो में दुबारा गोल्ड जीतकर इतिहास बनाया और टोक्यो में फिर सिल्वर जीतकर देश का मान बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि ऎसी उपलब्धियों वाले देश के पहले खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया (Devendra Jhajharia) की सफलता में उनकी मेहनत, लगन और जज्बे का योगदान है।
पूनिया ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि वे अपने बच्चों को स्पोट्र्स (Sports) से जोड़ें। खेल की दुनिया में युवा एक बेहतरीन कैरियर बना सकते हैं।
उन्होेंने कहा कि राज्य सरकार (Rajasthan Government) ने खेलों को बढावा देने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। राज्य के करीब 400 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति दी गई है, जो अपने आप में एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण काम है।
अभिनंदन से अभिभूत देवेंद्र झाझड़िया (Devendra Jhajharia) ने कुछ महीनों पहले दिवंगत हुए अपने पिता रामसिंह झाझड़िया को याद करते हुए कहा कि उन्होंने मेरे लिए बहुत कुछ किया और कैंसर से पीड़ित होने के बावजूद मुझसे कहा कि मैं ठीक होऊं, न होऊं, तुम ट्रेनिंग करो, देश के लिए मेडल जीतना है।
मेरी मां जीवणी देवी, पत्नी मंजू और परिवार ने बहुत सपोर्ट किया। करोड़ों देशवासियों की दुआएं तो थी ही।
देवेंद्र ने कहा कि 2017 में कंधे में इंजरी के कारण जेवलिन छूट सा गया था लेकिन पत्नी ने मोटीवेट किया, चार-पांच माह फीजियो ट्रीटमेंट के बाद फिर से ट्रेनिंग शुरू की और आज खुशी है कि देश के लिए तीसरा मेडल मैंने जीता।
देवेंद्र ने युवाओं (Youth) से कहा कि एक लक्ष्य तय करें और खुद पर यकीन करते हुए उसके लिए जुट जाएं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में वे जब ओलंपिक खेलने गए तब विदा करने वाले पिताजी समेत कुल 4-5 लोग थे, आज देश में खेल की एक कल्चर बनी है और इस ओलंपिक में खूब मेडल खिलाड़ियों ने जीते हैं। यह बदलाव आने वाले दिनों में और बेहतर परिणामों की ओर संकेत कर रहा है।
इस दौरान उनकी माता जीवणी देवी, पत्नी मंजू झाझड़िया, अरविंद झाझड़िया, बेटी जिया, बेटे काव्यान, एशियन मेडलिस्ट अर्जुन अवार्डी संदीप सिंह मान, एशियन मेडलिस्ट राजू लाल, एशियन मेडलिस्ट शालिनी पाठक, एशियन मेडलिस्ट जितेंद्र, ओमप्रकाश, सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी सेवाराम स्वामी, कुमार अजय, राकेश टेलर, अमित तिवारी, महेंद्र प्रताप सिंह, रणवीर झाझड़िया, बबलू चौधरी, देवेंद्र सिंह चौहान, भाई महेंद्र सिंह झाझड़िया, चाचा दिलीप सिंह, भाई हवासिंह, भाई जोगेंद्र, राजकुमार, प्रदीप कुमार, रणवीर सिंह सहित बड़ी संख्या में खिलाड़ी, खेलप्रेमी, झाझड़िया के परिजन-प्रशंसक मौजूद थे।
समारोह के बाद झाझड़िया (Devendra Jhajharia) के घर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। युवाओं में झाझड़िया के साथ फोटो खिंचवाने, सेल्फी लेने का क्रेज नजर आया। संचालन प्रीति सक्सेना ने किया।
मैं ही नहीं, पूरी इंडिया टीम अब तक का बेहतरीन करेगी : देवेंद्र झाझड़िया
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