विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका ने बेहतर कार्य करते हुए राष्ट्र को और सशक्त किया : मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई

The legislature judiciary and executive have performed well and further strengthened the nation : Chief Justice BR Gavai

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The legislature judiciary and executive have performed well and further strengthened the nation : Chief Justice BR Gavai

‘संविधान निर्माण के 75 वर्ष और बाबा साहेब का योगदान’ विषयक सेमिनार आयोजित

श्री गवई ने कहा -संविधान निर्माण में बाबा साहेब का योगदान स्वर्णाक्षरों में अंकित

बाबा साहेब के संविधान ने सभी को दिया मतदान का अधिकार: केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल

बीकानेर, 20 सितंबर। उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि 75 वर्ष का समय लम्बा नहीं होता, लेकिन फिर भी इस दौर में हमारे देश ने बहुत प्रगति की है। हमारी विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका ने बेहतर कार्य करते हुए राष्ट्र को और सशक्त किया है। आज देश के वंचित वर्ग के लोग आगे आए हैं। देश के सर्वोच्च पदों पर इस तबके के लोग और महिलाओं को बैठने का मौका हमारे सांविधान ने दिया है। देश के हर कौने में सड़क, पानी, बिजली और शिक्षा जैसे सुविधाएं पहुंची हैं।

‘संविधान निर्माण के 75 वर्ष और बाबा साहेब का योगदान’ विषयक सेमिनार को संबोधित करते हुए उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई।

श्री गवई महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित ‘संविधान निर्माण के 75 वर्ष और बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर की भूमिका’ विषयक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।

उन्होने कहा कि आज हमारे पड़ौसी देश घोर अस्थिरता के दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन कई आंतरिक और बाह्य चुनौतियों के बावजूद हमारा भारत अखंड, एकजुट और मजबूत है। इसका श्रेय हमारे संविधान तथा संविधान निर्माताओं को जाता है, जिसमें बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही है।

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई

मुख्य न्यायाधीश श्री गवई ने कहा कि देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इसे लागू हुए हाल ही में 75 वर्ष पूर्ण हुए हैं और हम संविधान का अमृत महोत्सव आयोजित कर रहे हैं। यह संविधान बनाने में बाबा साहेब की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण थी। उनके योगदान को इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के संविधान ने ‘वन पर्सन, वन वोट, वन वेल्यू’ का अधिकार दिया। वे सामाजिक और आर्थिक समानता के पक्षधर थे। श्री गवई ने कहा कि भारत का संविधान युद्ध और शांतिकाल में देश को एक सूत्र में बांधने वाला है।

मां अमृता देवी के योगदान का किया स्मरण

मुख्य न्यायाधीश श्री गवई ने मां अमृता देवी के पर्यावरण संरक्षण के लिए दिए गए सर्वोच्च बलिदान का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि मां अमृता देवी ने सदियों पूर्व पर्यावरण संरक्षण की चेतना जगाई। आज उनके सिद्धांत सर्वाधिक प्रासंगिक हैं। हमें इन्हें समझना और इनका अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज आज भी उनके आदर्शों का अनुसरण कर रहा है।

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सेमिनार को संबोधित करते हुए।

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि अमेरिका में महिलाओं को मतदान का अधिकार पाने में 144 साल लगे। ब्रिटेन ने सौ साल के लंबे संघर्ष के बाद दो चरणों में मतदान का अधिकार पाया, लेकिन बाबा साहेब के संविधान ने महिलाओं और पुरुषों को मतदान का समान अधिकार दिया।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब प्रत्येक विषय के जानकार थे।


‘संविधान निर्माण के 75 वर्ष और बाबा साहेब का योगदान’ विषयक सेमिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल।

उन्होंने देश को समानता का अधिकार दिया। बाबा साहेब का मानना थी कि समानता रहेगी तो स्वतंत्रता अपने आप सुरक्षित होगी। उन्होंने संविधान निर्मात्री सभा में सदस्य रहे बीकानेर के स्व.जसवंत सिंह दाऊदसर के योगदान का स्मरण भी किया।

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश विजय बिश्नोई ने कहा कि संविधान के कारण ही हमारा देश सुरक्षित है और लोकतंत्र कायम है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने समाज में समरसता के भाव जगाए। उन्होंने बताया कि बीकानेर से उनका गहरा नाता रहा है। उनके पिता ने राजकीय डूंगर कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की। वकालात के दौर में वे भी बीकानेर आते रहे हैं।

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजीव कुमार शर्मा ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि आज का समय संविधान को लागू होने के 75 वर्ष पूर्ण होने पर गर्व करने के साथ आधुनिक भारत के मूल्यों, दूरदर्शिता और दृष्टिकोण पर विचार करने का भी है।

इससे पहले मुख्य न्यायाधीश और केंद्रीय मंत्री सहित अन्य अतिथियों ने संविधान, बाबा साहेब के चित्र तथा महाराजा गंगासिंह की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी तथा बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के सदस्य कुलदीप शर्मा बतौर अतिथि मौजूद रहे। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक शर्मा ने आभार जताया।

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई का साफा पहनाकर सम्मान करते हुए।

कार्यक्रम में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विनीत माथुर, इंद्रजीत सिंह, रवि चिनानिया, पूर्व न्यायाधीश माणक मोहता, जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना, बीकानेर (पूर्व) विधायक सिद्धि कुमारी, खाजूवाला विधायक डॉ विश्वनाथ मेघवाल, श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत, संभागीय आयुक्त श्री विश्राम मीणा, महानिरीक्षक पुलिस हेमंत शर्मा, जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक कावेंद्र सागर,

‘संविधान निर्माण के 75 वर्ष और बाबा साहेब का योगदान’ विषयक सेमिनार में उपस्थित गणमान्य नागरिक।

कार्यक्रम कॉर्डिनेटर अशोक प्रजापत, सचिव विजयपाल बिश्नोई, उपाध्यक्ष रामरतन गोदारा, संजय रामावत, साजिद मकसूद, वरुण शर्मा, संदीप स्वामी, तेजकरण राठौड़ सहित विभिन्न न्यायिक और प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि, अधिवक्ता, विधि विद्यार्थी और आमजन मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री श्री मेघवाल ने बेहतर आयोजन के लिए बार एसोसिएशन और कॉर्डिनेटर प्रजापत को शुभकामनाएं दी।

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