राजस्थान कृषि उत्पादन में विषम जलवायुवीय परिस्थितियों के बावजूद देश के अग्रणी राज्यों में शामिल – कृषि मंत्री डॉ.किरोडी लाल मीणा

Rajasthan is among the leading states in the country in agricultural production despite adverse climatic conditions - Agriculture Minister Dr. Kirodi Lal Meena

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Rajasthan is among the leading states in the country in agricultural production despite adverse climatic conditions - Agriculture Minister Dr. Kirodi Lal Meena

बीकानेर। कृषि मंत्री डॉ.किरोडी लाल मीणा ने कहा कि विषम जलवायुवीय परिस्थितियों के बावजूद कृषि उत्पादन में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। किसान आधुनिकतम कृषि प्रौद्योगिकी को अपनाते हुए सुनियोजित कृषि करें तो निश्चित ही लाभकारी कृषि की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है। केंद्र और राज्य सरकार किसान के हित में कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है।

कृषि मंत्री डॉ.किरोडी लाल मीणा मंगलवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय किसान मेला के उद्वघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु वर्मीकम्पोस्ट यूनिट, ग्रीन हाउस, पोली हाउस, सिंचाई पाइपलाइन, बूंद बूंद सिंचाई, सौर ऊर्जा प्लांट ,लगाने के लिए सब्सिडी दी जा रही। किसान इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लें।

कृषि मंत्री ने मेले में लगी विभिन्न स्टाल्स का अवलोकन कर किसानों को दी जा रही विभिन्न तकनीकों, प्रौद्योगिकी, नवाचारों और विश्विद्यालय द्वारा किए जा रहे कृषि अनुसंधान की जानकारी ली।

उन्होंने कहा कि पॉली हाउस, स्प्रिंकलर आदि में राज्य सरकार द्वारा 95 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के लिए अधिकतम भरपाई सुनिश्चित करवाई जाएगी। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।उन्होंने कहा कि किसान को उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। 30.41 लाख मैट्रिक टन यूरिया उपलब्ध करवाया गया। सरकार ने अब तक सूक्ष्म संयंत्र के लिए 605.14 करोड, कृषि संयंत्रों में 163.9 करोड़ की सब्सिडी किसानों को दी है। पौध संरक्षण, कस्टम हायरिंग सेंटर में भी सब्सिडी दी गई है। 9.67 लाख सायल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए हैं। आगामी सीजन में डीएपी तथा यूरिया की कालाबाजारी नहीं हो इसके लिए एडवांस में व्यवस्था की जाएगी।‌

Kisam Mela, Bikaner

उन्होंने बताया कि 4 हजार से अधिक डिग्गिया, 19 हजार 538 किमी लम्बाई में सिंचाई की पाइपलाइन बनवा कर 32.85 करोड़ की सब्सिडी दी गई है। आगामी वर्ष में 25 हजार फार्म पोंड, 10 हजार डिग्गिया और 10 हजार किमी में सिंचाई पाइपलाइन बनवाईं जाएगी। प्राकृतिक रूप से आने वाली व्यापक चुनौतियां का सामना करने में किसानों को सरकार का हरसंभव सहयोग रहेगा।
उन्होंने किसानों से केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान किया। मेले में 101 स्टाल्स का अवलोकन करते हुए उन्होंने विश्विद्यालय द्वारा तैयार उत्पादों, बीजों व अन्य अनुसंधानों की सराहना की।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित विभिन्न पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।

राजस्थान वेटरनरी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ ए के गहलोत ने कहा कि किसानों को इस मेले में नयी कृषि तकनीक से व्यावहारिक रूप से जुड़ने का अवसर मिला है। राजस्थान देश में कृषि योगदान में अहम स्थान रखता है लेकिन पानी की कमी एक बड़ी चुनौती है। राजस्थान में कृषि की विकास दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है।

किसान नई तकनीक अपनाने के लिए उत्सुक रहें, कम आदान वाली फसलों को अपनाएं ताकि लाभकारी कृषि की तरफ जा सके। विपणन की समस्या के निदान के लिए बिक्री में सहभागिता लाने की आवश्यकता है। समग्र खेती अपनाने से ही देश का किसान खेती को लाभकारी बना सकेगा।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं कृषि विभाग (आत्मा) के संयुक्त तत्वावधान में इस मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान 101 स्टाल्स लगाई गई है। मेले में श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर कृषि महाविद्यालय, सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय, सभी कृषि विज्ञान केंद्रों में किए जा रहे कृषि अनुसंधान, उत्पादों के प्रदर्शन के साथ खाद, बीज, कृषि उपकरण संयंत्र निजी विक्रेता तथ उत्पादकों दारा स्टाल्स लगाकर किसानों को आधुनिकतम तकनीक अनुसंधान और कृषि प्रौद्योगिकी का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने अतिथियों तथा किसान का आभार प्रकट किया।

विश्वविद्यालय के प्रगति के सोपान चलचित्र के माध्यम से विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी गई।

वित्त नियंत्रक पवन कस्वां ने कहा कि कृषि शिक्षा और तकनीक प्रसार की दिशा में यह मेला सार्थक साबित होगा। पश्चिम राजस्थान की जलवायु के अनुरूप तकनीक और नवाचारों की जानकारी लेकर यदि किसान इन्हें अपनाएंगे तो लाभकारी कृषि की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।

आत्मा के निदेशक डॉ सुवालाल जाट ने कहा कि किसान मेले के माध्यम से राज्य सरकार की योजनाओं की अधिकतम जानकारी किसानों को देने का प्रयास किया जा रहा है। किसान विभागीय योजनाओं हेतु आनलाईन आवेदन कर आवेदन की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं। पारदर्शिता के साथ किसानों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिलवाना सुनिश्चित किया जाएगा।

इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का विधिवत शुभारंभ किया। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ नीना सरीन ने स्वागत उद्बोधन दिया और मेले की रुपरेखा बताई। इस दौरान रजिस्ट्रार निकया गोएन, संयुक्त निदेशक कृषि कैलाश चौधरी, आत्मा की उपनिदेशक ममता चौधरी सहित विश्वविद्यालय तथा कृषि विभाग के अन्य अधिकारी ,अधिष्ठाता , वैज्ञानिक तथा किसान उपस्थित रहे।

विजेताओं को किया गया पुरस्कृत

मेले के पहले दिन फल सब्जी तथा बाजार और अन्य मिलेटस आधारित प्रतियोगिताए आयोजित की गई। में मिलेटस आधारित प्रतियोगिता में मीना कुमारी बैरवा ने आचार व्यंजन ने प्रथम, द्वितीय स्थान पर सुमन ने बाजरे का नमकीन ढोकला बनाकर, सोना ने बाजरे का मीठा ढोकला बना कर तीसरा स्थान प्राप्त किया। आत्मा द्वारा किसानों को फसल उत्पादन, पशुपालन, बागवानी तथा नवाचार जैसी गतिविधियों में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले ओमप्रकाश, हस्तुदेवी, प्रेम सिंह, भागीरथ, संतकुमार, रामेश्वर लाल आदि शामिल हैं।

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