बीकानेर(Bikaner News)। जिला कलक्टर नमित मेहता (Collector Namit Mehta) ने कहा कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED)तथा इंदिरा गांधी नहर परियोजना विभाग समन्वय करते हुए कार्य करें और यह सुनिश्चित करें कि शहरी क्षेत्र में पानी की आपूर्ति में निर्बाध रूप से चलती रहे। इसके लिए दोनों विभाग के अधिकारी नियमित रूप से पानी की पहुंच और रिजर्वायर की स्थिति की समीक्षा कर, यह देखें कि रिजर्वायर की कितनी क्षमता है और लगातार आपूर्ति के लिए कितना नहरी पानी लगातार पंहुचना जरूरी है। निर्बाध पानी की आपूर्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुढृढ़ रखें।
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मेहता सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति और साप्ताहिक समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने जलदाय विभाग और नहर विभाग के अधिकारियों से कहा कि पानी की आवक के साथ-साथ यह भी देखें कि अगर नहर के किनारे बड़े वृक्ष लगे हैं और उनकी टहनियों के कारण पानी के फ्लो पर कोई विपरीत प्रभाव पड़ता है, तो ऐसी टहनियों की छंटाई करने के लिए संबंधित क्षेत्र के वन विभाग के अधिकारी से आवश्यक इजाजत लेकर ऐसे बड़े पेड़ों की छंटाई की जाए, ताकि आने वाले समय में वर्षा के दौरान और तेज हवाओं के कारण पेड़ ना टूटें।
उन्होंने जलदाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर में पानी की आपूर्ति के दौरान यह सुनिश्चित करें कि टेल एण्ड तक के उपभोक्ता को भी पीने का पानी मिल जाए। अगर किसी क्षेत्र में यह शिकायत आती है कि पानी सप्लाई के समय उपभोक्ता द्वारा अवैध बूस्टर लगाकर अपने घर में पानी की सप्लाई ली जा रही है और टेल एण्ड तक पानी नहीं पहुंच रहा है, तो ऐसे स्थानों का चिन्हीकरण कर जोधपुर विद्युत वितरण निगम से टाईअप किया जाए और उस क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति उस समय बंद कर दी जाए, जब पानी की सप्लाई की जा रही हो। अंतिम छोर पर बैठे उपभोक्ता को भी पानी मिले यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
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अतिवृष्टि की स्थिति में बचाव के सभी इंतजाम हो पुख्ता
जिला कलक्टर ने कहा कि आने वाले दिनों में मानसून के चलते तेज बारिश होने की संभावना है, ऐसे में अगर जिले में अतिवृष्टि की स्थिति बने, तो उससे बचाव के सभी इंतजाम पुख्ता होने चाहिए, विशेषकर पानी लिफ्ट करने वाले पंपसेट और उनको ऑपरेट करने के लिए विशेषज्ञ पंप ड्राइवर भी उपलब्ध रहने चाहिए। अगर नगर विकास न्यास और नगर निगम में पंप ऑपरेटर नहीं है तो वह जलदाय विभाग और आईजीएनपी से संपर्क कर वहां से पंपसेट के साथ-साथ पंप ऑपरेटर भी तत्काल नियुक्त कर दें, ताकि जलभराव की स्थिति में पानी निकासी का कार्य तत्काल हो सके।
उन्होंने कहा कि बीकेईएसएल और जोधपुर विद्युत वितरण निगम यह सुनिश्चित कर ले कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने, ट्रांसफार्मर जलने तथा विद्युत लाइन खराब होने की स्थिति में जितने भी संसाधन वर्तमान में हैं, उससे अधिक संसाधन अपने पास रखें और अलग-अलग स्थानों पर इन्हें डेप्यूट कर दिया जाए, ताकि जहां भी जरूरत हो वहाँ तत्काल पहुंच जाए। एक ही स्थान पर संसाधन और अधिकारी-कर्मचारियों के होने से फाॅल्ट वाली जगह पर पंहुचने में देरी होती है, ऐसे में उपखंड मुख्यालय सहित जिला मुख्यालय पर भी कम से कम चार स्थानों पर गाड़ियांे में आवश्यक उपकरण और अभियंता-कार्मिक हर समय उपस्थित रहे।
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जिला कलक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि सभी पात्र काश्तकारों जो बीमा करवा करवान चाहता है, अगले 5 दिनों में शेष रहे सभी काश्तकारों का फसल बीमा हो जाए, इसके लिए विभाग के अधिकारी गांव-गांव जाकर काश्तकारों को समझाइश कर कार्य करें। उन्होंने कहा कि अब तक एक लाख 58 हजार काश्तकारों का फसल बीमा हुआ है इसमें शीघ्र वृद्धि करते हुए संपूर्ण काश्तकारों का बीमा करवाया जाए। मेहता ने शहर में बेसहारा पशुओं से उत्पन्न समस्याओं के समधान के लिए निगम आयुक्त को निर्देश दिए और पूछा कि निगम में गत सप्ताह कितने ऐसे पशुओं को पकड़ा हैं ? उन्होंने कहा कि शहर में इन पशुओं से दुर्घटना होने की शिकायतें मिलती है, इन पर तुरन्त कार्यवाही करे और आगे से ऐसी शिकायतें नहीं मिलनी चाहिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि वरिष्ठ नागरिक भ्रमण पथ पार्क को साफ-सुथरा रखा जाए। पार्क की पाइप लाइनों को दुरूस्त करे ताकि पानी व्यर्थ में ना बहे। उन्होंने पार्क में एडवेंचर का अभ्यास हो सके इसकी संभावना तलाशी जाए। पार्क में ऐसा स्थान चिन्हीत किया जाए, जहां पर वाॅल क्लाइंबिंग बनाई जा सके।
जिला कलक्टर ने विभिन्न विभागों के द्वारा मनरेगा के तहत शुरू हुए कार्यों की समीक्षा की और निर्देश दिए कि संबंधित विभाग पूरी गुणवता के साथ कार्यों को समय पर पूरा करवाए। उन्होंने कहा कि सभी कार्य पूरे करवाते हुए यूसी व सीसी जिला परिषद को भिजवाना सुनिश्चित करे। उन्होंने मनेरगा के तहत विभिन्न मदों में भुगतान की समीक्षा करते हुए मनरेगा अधिशाषी अभियन्ता को निर्देश दिए कि पेण्डिग भुगतान शीघ्र किया जाए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में शौचालय निर्माण के लाभार्थियों को भुगतान के बारे में जानकारी ली और कहा कि जिन बालिका स्कूलों में शौचालय नहीं बने है, उनमें शौचालयों को निर्माण करवाया जाए।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए.एच.गौरी, जिला रसद अधिकारी यशवंत भाकर, न्यास सचिव व आयुक्त नगर निगम मेघराज सिंह मीना, उपनिदेशक स्थानीय निकाय कन्हैया लाल सोनगरा, उप निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एल.डी.पंवार, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र मंजू नैण गोदारा सहित पानी-बिजली, श्रम, चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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