पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी ने बनाया संगठन “रणबांकुरा”
बीकानेर(Bikaner News)। संकट काल हो, जन सरोकारों से जुड़ी कोई बात हो, जनांदोलन हो, आपदा विपदा या जनता के लिए कुछ कर गुजरने का मसला हो तो जहन में एक ही नाम आता है जननेता पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी(Ex Minister Devi Singh Bhati)। लोकतंत्र में राजनीतिक दलों के चाटुकार सिस्टम, प्रशासनिक अधिकारियों की हावी होती अफसरशाही एवं सरकार प्रशासन के बीच बढ़ती खाई वैक्यूम को लेकर भाटी चिंतित है गम्भीर है।
भाटी ने कोरोना संकट काल का उदाहरण देते हुए कहा कि सामाजिक व्यवस्थाएं एवं दानदाता नहीं होते तो गरीब आदमी की भूखों मरने की नौबत आ जाती क्यों की सरकार एवं प्रशासन के माध्यम से जो प्रयास किए गए वो नाकाफी थे मात्र खानापूर्ति थे।
इन सब घटनाक्रमों में आम आदमी की पीड़ित स्थिति को देखकर की वो अपनी फरियाद लेकर किसके पास जाए या अफसर शाही सिस्टम पर कौन नकेल कसके रखे इस बात को सोचकर विचार कर रणबांकुरा संगठन बनाने का निर्णय
किया है।
सोशल एक्टिविस्ट डूंगर सिंह तेहनदेसर जानकारी देते हुए बताया कि शुरू में 101 लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, संगठन शहरी क्षेत्र से होते हुए तहसील मुख्यालयों से ग्रामीण क्षेत्र तक होगा एवं धीरे धीरे संभाग स्तर से होते हुए प्रदेशभर में फैलाव करेगा।
आपदा विपदा एवं जनसंघर्ष कि स्थिति में रणबांकुरे 01 घंटे में शहरी क्षेत्र में, 04 घंटे में ग्रामीण क्षेत्र तक एवं 24 घंटो के भीतर प्रदेश में त्वरित पहुंचेंगे। संगठन रणबांकुरा का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा एवं बीकानेर से शुरुआत करके प्रांत के सभी जिलों में रणबांकुरों की टीम होगी।
संगठन की घोषणा से सम्बन्धित बैठक में राकेश माथुर, अनिल शर्मा, देवराज भाटी, अंशुमान सिंह भाटी, डूंगर सिंह तेहनदेसर, विजय सिंह खारा, हरी सिंह बड़गुर्जर, प्रताप सिंह राठौड़, रघुवीर सिंह लूनखा, दिनेश ओझा, समुन्द्र सिंह, देवेन्द्र पंवार एवं गोपाल नाई सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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