बीकानेर में कृषि विधेयक को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अनाज मंडी में व्यापारियों से किया संवाद

बीकानेर। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि किसान कल्याणकारी विधेयक से ना सिर्फ देश का किसान की स्थिति में सुधार होगा बल्कि व्यापार भी मजबूत होगा। केंद्रीय मंत्री रविवार को अनाज मंडी में व्यापारियों और किसानों से कृषि विधेयक पर चर्चा कर रहे थे।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि विपक्षी पार्टी ट्रैक्टर पर सोफा लगाकर किसान हितैषी होने का दावा करती जरूर है लेकिन वास्तव में किसान हित मे कभी कदम नही उठाए है। केंद्रीय मंत्री ने हाल ही सांसद में पारित तीनो कृषि विधेयकों पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने किसानों के हित में साहसिक निर्णय लिए हैं ना सिर्फ निर्णय लिए है बल्कि उन को लागू करने का प्रयास किया। इन कृषि बिलों के माध्यम से वन नेशन वन मार्केट की ओर इस सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। जिसके माध्यम से किसान सही मायने में स्वतंत्र हुआ है और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा है।

उन्होने कृषि बिलों का हवाला देते हुए कहा कि 1955 का बना हुआ एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट यानी कि आवश्यक वस्तु अधिनियम बिल का परिवर्तन व्यापारियों के लंबे समय से मांग थी।स्वामीनाथन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भी इस अधिनियम में परिवर्तन की मांग की थी। इस अधिनियम में परिवर्तन के माध्यम से व्यापारियों को प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के मार्ग प्रसस्त होंगे। प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से जो कृषि उत्पादक को वैल्यू एडेड उसका उत्पाद बनाने में सहायता मिलेगी।

उन्होंने बताया कि देश मे उत्पादन बढ़ा है पर अधिनियम के चलते प्रोसेसिंग इकाइयां न के बराबर है। अधिनियम अब इस परिवर्तन के बाद भारत में विश्व के अन्य देशों की तरह प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का मार्ग प्रसस्त होगा।

इस अवधारणा को उन्होंने गलत बताया कि इस अधिनियम के हटने से कालाबाजारी होगी या व्यापारी उत्पादों का भंडारण कर लेंगे। भारत सरकार के गोदामों में सभी प्रकार की जींस का पर्याप्त भंडारण है। ऐसी स्थिति में सरकार किसी भी आवश्यक वस्तुओं की कमी नही आने देगी।

उन्होंने बताया कि किसान लंबे समय तक अपने कृषि उत्पाद को मंडी में बेचने के लिए बाध्य था, लेकिन नए कृषि विधेयक से किसान मंडी के बाहर भी अपने उत्पादों को जहां भी उसको देशभर में उचित मूल्य मिलेगा और बेचने के लिए वह स्वतंत्र है मंडी में सरकारों ने जो सामान्य टैक्स की परंपरा थी उस को तोड़ते हुए राज्य सरकारों ने टैक्सों में बढ़ोतरी करके कृषि कल्याण ना जाने कितने जोड़े हैं। जिसका सारा खर्चा किसानों के ऊपर आता था। अब किसान स्वतंत्र है वह मंडी के बाहर भी अपने उत्पाद को बेचने के लिए स्वतंत्र रहेगा।

उन्होंने विपक्ष द्वारा इस भ्रामक प्रचार को बिल्कुल ही गलत और मिथ्या बताया कि बाहर उत्पाद बेचने से मंडी बंद हो जाएगी या व्यापारियों को किसी प्रकार की हानि होगी। उन्होंने कहा मंडी कभी बंद नहीं होंगी ना ही किसी व्यापारी को दुकान बंद करने की आवश्यकता है। कृषि बिल किसान को अपने उत्पाद बेचने की स्वतंत्रता देता है। उसे जहां पर अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य मिलेगा उसे लगता है मंडी उचित है जो मंडी में भी बेचेगा और बाहर भी अगर उचित लगता है तो वह बाहर भी माल का बेचान कर सकेगा।

संविदा कृषि बिल पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि संविदा आधार खेती को कानूनी अमलीजामा पहना कर सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा की है। विश्व के अनेक देशों में संविदा के आधार पर उत्पादन होता है और वहां पर बहुत तेजी से किसानों की आर्थिक स्थिति बदली है उसकी शुरुआत भारत में की जाएगी यह कानून पुर्णतः किसानों के पक्ष में बना हुआ कानून है इसके अंतर्गत किसान किसी भी कारपोरेट घराने से वह अपने उत्पाद को सीधे अनुबंध के आधार पर बेचने का मार्ग प्रसस्त करता है। मंडी में भी जाने की आवश्यकता नहीं किसी के द्वार जाने की आवश्यकता नहीं किसान स्वयं आकर अपने उत्पाद को पूर्व में तय किए गए करार के आधार पर अपनी शर्तों के आधार पर बेच सकेगा। किसी प्रकार का विवाद भी है तो उसकी एसडीएम के माध्यम से विवाद का निष्पादन किया जा सकेगा।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा यह ऐतिहासिक कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री जी का सपना था की देश के किसानों की आय दोगुनी होनी चाहिए , किसान आत्मनिर्भर और स्वतंत्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की जो कल्पना थी उसकी शत-प्रतिशत अक्षर सा पालना करते हुए उसके 200 बिंदुओं की पालना करते हुए किसानों के हित में सरकार ने फैसला किया है। नरेंद्र मोदी सरकार के इस कदम से कृषि सुधार में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।

आने वाले समय मे इसके दूरगामी परिणाम होंगे कृषि में सुधार होगा किसानों की आय निश्चित रूप से कई गुना बढ़ेगी भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने इस अवसर पर कृषि बिल को किसान के लिए हित करी बताया।

भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष देहात ताराचंद सारस्वत ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कृषि बिल ऐतिहासिक है, किसान और व्यापारी को भ्रमित होने से बचना है। गोपालगंज साहस इस बिल में अपना समर्थन जताया साथ ही राज्य सरकार किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है।

नोखा विधयाक बिहारी लाल बिश्नोई ने कहा कि देश का विपक्ष निरंतर झूठ और गलत बयानबाजी कर देश को भ्रमित करता रहा है। उन्होंने कहा कि राफेल के मामले में, नागरिकता संशोधन अधिनियम के मामले में भी विपक्ष की भूमिका नकारात्मक रही है। व्यापारियों की तरफ से बोलते हुए पुखराज चोपड़ा ने बिल का समर्थन करते हुए बिल को ऐतिहासिक बताया।

जयकिशन सेठिया ने एक देश एक बाजार की सोच को देश हित मे महत्वपूर्ण बताया और सरकार से मांग की की मंडी टैक्स को भी ळैज् के दायरे में लाने का सुझाव दिया।

संवाद कार्यक्रम में जिला महामंत्री मोहन सुराणा, अनिल शुक्ला, जिला उपाध्यक्ष एडवोकेट अशोक प्रजापत ,रानी बाजार मंडल अध्यक्ष नरसिंह सेवग, देहात महामंत्री कुंभनाथ सिद्ध शिव प्रजापत, कृषि कल्याण सप्ताह के प्रभारी दीपक यादव, दीपेंद्र सिंह तोलियासर, सुरेन्द्र शेखावत, मोतीलाल सेठिया, जगदीश पेड़ीवाल समेत बड़ी संख्या में किसान और व्यपारी उपस्थित थे।

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