कोलकाता। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है की राजस्थान में कोई भी बच्ची फर्श पर बैठकर न पड़े यही हमारा विजन है और इसे साकार करने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं। बालिका शिक्षा पर हमारा विशेष जोर है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राइजिंग राजस्थान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जिससे जुड़कर आप राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था का कायाकल्प करने में सहभागी बन सकते है। पूरे देश विदेश में मारवाड़ी अपना परचम लहरा रहे हैं। और आपका अपनी मातृभूमि से जुड़ाव भी है।
इसलिए हम पहले वहां जा रहे है जहां मारवाड़ी अधिक है। शुरुआत मुंबई से की, मुम्बई के राजस्थानी प्रवासियों ने हमारी अपील पर गत 6 नवंबर को जयपुर में शिक्षा विभाग के साथ 116 करोड़ रुपए के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए है। अब सहयोग मांगने कोलकाता आए हैं।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में द कॉनक्लेव होटल में प्रवासी राजस्थानी परिषद की ओर से आयोजित एक कदम शिक्षा की ओर कार्यक्रम में बोल रहे थे।
शिक्षा मंत्री ने कहा की राजस्थान में 19 हजार प्राथमिक, 16 हजार माध्यमिक तथा 26 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालय है। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी से अच्छी सुविधा मिले और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए हमने कुछ प्राथमिकताएं तय की है। जिन क्षेत्रों में दानदाता पैसा लगा सकते हैं उनका निर्धारण किया है। स्कूलों में आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लास रुम के लिए प्रस्ताव आमंत्रित करते है। विद्यालयों में सोलर पैनल, स्पोर्ट, कक्षा कक्ष, विद्यालय भवन निर्माण में सहयोग कर आप सरकार के सहभागी बन सकते हैं।
सरकार आपका हर स्तर पर सहयोग और समर्थन करने को तैयार है। गत वर्ष में प्रदेश में 138 भामाशाहों ने शिक्षा विभाग में 1हजार करोड़ से अधिक का सहयोग किया। आप 2 करोड़ से अधिक रुपए स्कूल में सहयोग करते है तो स्कूल का नाम आपके नाम पर किया जाने की सरकार की योजना है।
दिलावर ने कहा कि आप अपनी सुविधा अनुसार स्कूल गोद लेकर भी अपना योगदान दे सकते है।
अब नहीं पढ़ाया जाएगा अकबर महान
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हम शिक्षा में संस्कारों पर जोर दे रहे हैं। संस्कार युक्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हमारा लक्ष्य है। हम पाठक पुस्तकों की समीक्षा करवा रहे हैं। अब तक बच्चों को अकबर महान पढ़ाया जाता था ऐसा अब नहीं होगा। अकबर दुराचारी था। वह महान नहीं हो सकता महान महाराणा प्रताप है और अब महाराणा प्रताप को ही महान पढ़ाया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा हम महाराणा प्रताप, शिवाजी महाराज,स्वामी विवेकानंद को पढ़ाएंगे लेकिन अकबर को नहीं पढ़ाएंगे।
विकास के लिए योगदान देना चाहते हैं प्रवासी राजस्थानी- गोयनका
कार्यक्रम के आरम्भ में सामाजिक संगठन अग्रबंधु के अध्यक्ष प्रहलाद राय गोयनका ने कहा कि प्रवासी राजस्थानी अपने पुरखों के गांव कस्बे के विकास के लिए योगदान देना चाहते हैं। विकास के लिए पैसा देना चाहते हैं, लेकिन वे सिर्फ इस बात की गारंटी चाहते हैं कि उनका पैसा सही जगह लगे। बाद में प्रहलाद राय गोयनका के नेतृत्व में प्रवासी राजस्थानियों ने शिक्षा मंत्री का अभिनंदन किया। उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया।इस अवसर पर प्रवासी राजस्थान की परिषद द्वारा तैयार की गई स्मारिका का विमोचन भी किया गया।