Diwali 2021 : धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग के साथ शुरू होगा पांच दिनों का दीपोत्सव

Diwali 2021 : Dhanteras Narak Chaturdashi Laxmi Puja Gowardhan Puja Bhai dhooj Subh Muhurat

diwali 2020, diwali, diwali 2021, happy diwali, diwali wishes, happy diwali wishes, rangoli for diwali, when is diwali, diwali background, diwali date, diwali images, diwali celebration, diwali festival, diwali quotes, easy rangoli designs for diwali, diwali wishes in hindi, Kab Hai Diwali Diwali 2021

Diwali 2021 : Dhanteras Narak Chaturdashi Laxmi Puja Gowardhan Puja Bhai dhooj Subh Muhurat

Diwali 2021 : त्रिपुष्कर योग में शुरू होगा पंचपर्व दीपोत्सव

Diwali 2021 : इस बार महालक्ष्मी का पंचपर्व दीपोत्सव त्रिपुष्कर योग में शुरू होगा। पांच दिन तक चलने वाला दीपोत्सव धन त्रयोदशी 2 नवंबर से 6 नवंबर भाई दूज तक चलेगा। पहला पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनाध्यक्ष कुबेर के पूजन से शुरू होकर मृत्यु के देवता यमराज के लिए दीपदान तक चलेगा।

हिंदू धर्म में (Diwali) दीपावली का त्योहार बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है। कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर (Dipawali) दीपावली का त्योहार मनाया जाता है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि पर भगवान श्री राम 14 वर्षों का वनवास काटकर और लंका पर विजय करने के बाद अयोध्या लौटे थे। जिसकी खुशी में सारे अयोध्यावासी इस दिन पूरे नगर को अपने राजा प्रभु राम के स्वागत में दीप जलाकर उत्सव मनाया था। इसी कारण से तब से ये परंपरा चली आ रही है।

पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर – जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि (Diwali) दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व भी होता है। इस दिन शाम और रात के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

(Dhanteras) धनतेरस (Diwali) दीपावली का पहला दिन माना जाता है। इसके बाद नरक चतुर्दशी फिर दीपावली, (Gowardhan Puja ) गोवर्धन पूजा और आखिरी में (Bhai dHooj) भैयादूज का त्योहार मनाया जाता है।

Diwali Festival

Diwali 2021 : पंचपर्व दीपोत्सव

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि धनतेरस 2 नवंबर को मनाई जाएगी।

त्रयोदशी तिथि मंगलवार सुबह 11:31 से शुरू होगी और बुधवार सुबह 9:03 तक रहेगी। त्रिपुष्कर योग सुर्योदय से सुबह 11:31 बजे तक रहेगा।

रूप चतुर्दशी 3 नवंबर बुधवार को सर्वार्थसिद्धि योग मनाया जाएगा।

4 नवंबर को दीपावली, 5 को गोवर्धन पूजा के साथ देवी अन्नपूर्णा की पूजा और अन्नकूट महोत्सव भी रहेगा।

6 नवंबर को विशेष योगों के बीच भाई दूज पर्व मनेगा।

Diwali 2021 : Dhanteras 2021

Dhanteras : धनतेरस पर दीपदान की होगी शुरुआत

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि (Dhanteras) धनतेरस जिसे धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती भी कहते हैं पांच दिवसीय (Diwali) दीपावली का पहला दिन होता है। धनतेरस के दिन से दिवाली का त्योहार प्रारंभ हो जाता है।

मान्यता है इस तिथि पर आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रगट हो हुए थे। इसी कारण से हर वर्ष धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा निभाई जाती है। कहा जाता है जो भी व्यक्ति धनतेरस के दिन सोने-चांदी, बर्तन, जमीन-जायजाद की शुभ खरीदारी करता है उसमें तेरह गुना की बढ़ोत्तरी होती है। चिकित्सक अमृतधारी भगवान धन्वन्तरि की पूजा करेंगे।

इसी दिन से देवता यमराज के लिए दीपदान से दीप जलाने की शुरुआत होगी और पांच दिनों तक जलाए जाएंगे। लोकाचार में इस दिन खरीदे गए सोने या चांदी के धातुमय पात्र अक्षय सुख देते हैं। लोग नए बर्तन या दूसरे नए सामान खरीदेंगे।

Diwali 2021 : Narak Chaturdashi

Narak Chaturdashi on Diwali : रूप चतुर्दशी पर महिलाएं संवारेगी रूप

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि चतुर्दशी तिथि को भगवान विष्णु ने माता अदिति के आभूषण चुराकर ले जाने वाले निशाचर नरकासुर का वध कर 16 हजार कन्याओं को मुक्ति दिलाई थी।

परंपरा में इसे शारीरिक सज्जा और अलंकार का दिन भी माना गया है। इसे रूप चतुर्दशी भी कहा जाता है। इस दिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में हल्दी, चंदन, सरसो का तेल मिलाकर उबटन तैयार कर शरीर पर लेप कर उससे स्नान कर अपना रूप निखारेंगी। नरक चतुर्दशी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी को कई और नामों से भी मनाया जाता है जैसे- नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी आदि।

दीपावली से पहले मनाए जाने के कारण इसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा होती है। घर के कोनों में दीपक जलाकर अकाल मृत्यु से मुक्ति की कामना की जाती है।

Diwali Laxmi ji Ganesh ji Puja : दीपावली पर होगी महालक्ष्मी-गणेश पूजन

कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि दीपावली पर घरों को रोशनी से सजाया जाता है। दीपावली की शाम को शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, मां सरस्वती और धन के देवता कुबेर की पूजा-आराधना होती है।

मान्यता है (Diwali) दीपावली की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और घर-घर जाकर ये देखती हैं किसका घर साफ है और किसके यहां पर विधिविधान से पूजा हो रही है। माता लक्ष्मी वहीं पर अपनी कृपा बरसाती हैं।

दीपावली पर लोग सुख-समृ्द्धि और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करते हैं। अथर्ववेद में लिखा है कि जल, अन्न और सारे सुख देने वाली पृथ्वी माता को ही दीपावली के दिन भगवती लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है।

कार्तिक अमावस्या का दिन अंधेरे की अनादि सत्ता को अंत में बदल देता है, जब छोटे-छोटे ज्योति-कलश दीप जगमगाने लगते हैं। प्रदोषकाल में माता लक्ष्मी के साथ गणपति, सरस्वती, कुबेर और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।

Diwali 2021 : Dhanteras Narak Chaturdashi Laxmi Puja Gowardhan Puja Bhai dhooj Subh Muhurat

Gowardhan Puja on Diwlai : गोवर्धन पूजा पर बंटेगा अन्नकूट

भविष्यवक्ता अनीष व्यास ने बताया कि गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी किया जाता है। इस त्योहार में भगवान कृष्ण के साथ गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा का विधान है। इसी दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग बनाकर लगाया जाता है।

दीपावली के अगले दिन राजा बली पर भगवान विष्णु की विजय का उत्सव है। ऋग्वेद में उल्लेख है कि भगवान विष्णु ने वामन रूप धरकर तीन पदों में सारी सृष्टि को नाप लिया था। श्रीकृष्ण ने इसी दिन देवेंद्र के मानमर्दन के लिए गोवर्धन को धारण किया था।

शहर में स्थान-स्थान जगह-जगह नवधान्य के बने हुए पर्वत शिखरों का भोग अन्नकूट प्रसाद के रूप में वितरित जाएगा।

Diwali 2021 : Diwali festival importance, dhanteras narak chaturdashi choti diwali and govardhan puja shubh muhurat

Bhai Dhooj on Diwali : भाईदूज पर भाई करेंगे बहनों के घर भोजन

विश्वविख्यात भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि भाई दूज पांच दिवसीय दीपावली पर्व का आखिरी दिन का त्योहार होता है। भाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है

। इस दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की मनोकामनाएं मांगती हैं। इस त्योहार को भाई दूज या भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया कई नामों से जाना जाता है।

भविष्य पुराण में लिखा है कि इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर पर भोजन करने के लिए आमंत्रित किया था। यही वजह है कि आज भी इस दिन समझदार लोग अपने घर मध्याह्न का भोजन नहीं करते। कल्याण और समृद्धि के भाई को इस दिन अपनी बहन के घर में ही स्नेहवश भोजन करना चाहिए।

दीपावली पर बन रहा दुर्लभ संयोग, तुला राशि में होगें चार ग्रह, मिलेगा आर्थिक लाभ

Diwali 2021 : दिवाली महापर्व पर धनतेरस, महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज का जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

Diwali 2021 : दीपावली पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, तुला राशि में होगें चार ग्रह

Guru Pushya Nakshatra 2021 : गुरु पुष्य नक्षत्र पर राशि के हिसाब से करें खरीदारी और निवेश

 

(विश्वविख्यात भविष्यवक्ता एवं कुण्डली विश्ल़ेषक पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर (राजस्थान) Ph.- 9460872809) 

More News : diwali 2020, diwali, diwali 2021, happy diwali, diwali wishes, happy diwali wishes, rangoli for diwali, when is diwali, diwali background, diwali date, diwali images, diwali celebration, diwali festival, diwali quotes, easy rangoli designs for diwali, diwali wishes in hindi, Kab Hai Diwali , Diwali 2021,

Read Hindi News, Like Facebook Page : Follow On Twitter:

Exit mobile version